भारत की हार लगभग तय, कप्तानी पर उठे सवाल
मैनचेस्टर टेस्ट मैच में मेजबान इंग्लैंड ऐसी स्थिति में पहुंच चुका है, जहां से उसकी हार लगभग नामुमकिन लग रही है। वहीं दूसरी ओर, भारत के लिए यह मुकाबला ड्रा कराना भी मुश्किल नजर आ रहा है। इसकी बड़ी वजह गेंदबाजों का औसत प्रदर्शन और शुभमन गिल की खराब कप्तानी है। गिल पहले मैच से कप्तानी में एक के बाद एक ब्लंडर कर रहे हैं। कभी उनसे फील्ड प्लेसमेंट में चूक होती है, तो कभी वे यह तय नहीं कर पाते की किस परिस्थिति में किस गेंदबाजों से ओवर कराना है।
वॉशिंगटन सुंदर को देर से लाना बना टर्निंग पॉइंट
ऐसा ही कुछ मैनचेस्टर टेस्ट के तीसरे दिन हुआ। गिल की इस मैच में कप्तानी भी फीकी नजर आई है। तीसरे दिन जब इंग्लिश बल्लेबाज़ तेज़ गेंदबाज़ों की धज्जियां उड़ा रहे थे, उस वक्त पिच पर स्पिन को थोड़ी मदद मिल रही थी। इसके बावजूद गिल ने वॉशिंगटन सुंदर को 68वें ओवर तक गेंदबाजी नहीं दी। जब सुंदर आए तो उन्होंने ओली पोप और हैरी ब्रूक जैसे अहम विकेट झटक लिए, जिससे साफ हो गया कि उन्हें पहले लाना फायदेमंद हो सकता था। इस फैसले ने गिल की कप्तानी को कठघरे में खड़ा कर दिया। सुंदर को इतनी देर से गेंदबाजी पर लाना समझ से परे रहा। शुभमन ने शार्दुल ठाकुर का भी सही से इस्तेमाल नहीं किया।
तीन शतकीय साझेदारियों ने भारत को धकेला बैकफुट पर
इस मैच में इंग्लैंड ने एक के बाद एक तीन शतकीय साझेदारी की और टीम इंडिया को बैकफुट पर धकेल दिया। पहले जैक क्राउली और बेन डकेट ने शानदार शुरुआत देते हुए 166 रनों की पार्टनरशिप की। इसके बाद ओली पोप और जो रूट ने तीसरे विकेट के लिए 144 रन जोड़े। अंत में फिर जो रूट और कप्तान बेन स्टोक्स के बीच पांचवें विकेट के लिए एक और शतकीय साझेदारी हुई। इन तीन शतकीय साझेदारियों ने इंग्लैंड को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है।