रूट अबतक 157 मैचों की 286 पारियों में 51.18 की शानदार औसत से 13409 रन बना चुके हैं। वहीं सचिन ने अपने टेस्ट करियर में 200 मैचों की 329 पारियों में 53.8 की शानदार औसत से 15921 रन बनाए हैं। ऐसे में सचिन को पछाड़ने के लिए रूट को 2512 रनों की और जरूरत है। जब उनसे इसले बार में सवाल किया गया तो रूट ने कहा कि वे बचपन में तेंदुलकर को देखकर बड़े हुए और उन्हीं की तरह बल्लेबाज़ी करने की कोशिश करते थे।
जो रूट ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि जब सचिन तेंडुलकर ने 1989 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था, तब वह पैदा भी नहीं हुए थे। फिर भी, नियति ने उन्हें 2012 में अपने टेस्ट डेब्यू के दौरान सचिन के साथ मैदान साझा करने का अवसर दिया। रूट ने कहा, “जब सचिन ने टेस्ट डेब्यू किया, उससे पहले मैं पैदा भी नहीं हुआ था। फिर भी मुझे उनके साथ एक ही मैदान पर खेलने का मौका मिला, जो मेरे लिए बेहद खास था।”
रूट ने बताया कि वह सचिन को देखकर बड़े हुए हैं। सचिन की बल्लेबाजी, उनकी तकनीक, और मैदान पर उनकी शांतचित्त उपस्थिति ने रूट को हमेशा प्रेरित किया। सचिन के खेल को करीब से देखना और उनसे सीखना उनके लिए एक अनमोल अनुभव था। रूट ने कहा, “मैं उन्हें देखकर बड़ा हुआ हूं, उनसे सीखा है। जब 2012 में मैंने डेब्यू किया, तो उन्हें करीब से खेलते हुए देखना बहुत यादगार अनुभव था। वह पल मैं कभी नहीं भूलूंगा।”
2012 में जो रूट ने भारत के खिलाफ नागपुर टेस्ट में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। यह वही सीरीज थी, जिसमें सचिन तेंडुलकर भी खेल रहे थे। उस समय सचिन अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर थे, लेकिन उनकी बल्लेबाजी और खेल के प्रति समर्पण अभी भी हर युवा क्रिकेटर के लिए प्रेरणा का स्रोत था। रूट के लिए यह अवसर इसलिए भी खास था क्योंकि वह सचिन को अपने बचपन का हीरो मानते थे।
मैच का हाल –
मैनचेस्टर टेस्ट के चार दिन का खेल पूरा हो चुका है और इंग्लैंड ने इस मैच में पकड़ बना के रखी है। हालांकि चौथे दिन भारत ने दूसरी पारी में बेहतरीन बल्लेबाजी की और वापसी के संकेत दिये। भारत ने दूसरी पारी में 2 विकेट खोकर 174 रन बना लिए हैं। केएल राहुल 87 और शुभमन गिल 78 रंब बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। टीम अब भी इंग्लैंड से 137 रन पीछे है। इससे पहले इंग्लैंड की पहली पारी 669 रन पर खत्म हुई थी। वहीं भारत ने पहली पारी में 358 रन बनाए थे।