क्या था पूरा मामला?
दरअसल, मैनचेस्टर टेस्ट मैच के पांचवें और आखिरी दिन भारतीय बल्लेबाजों ने सीरीज जीतने की इंग्लैंड की उम्मीदें तोड़ दी थी। आखिरी दिन एक घंटे का खेल बाकी था, तभी इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स भारतीय ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के पास पहुंचे और हाथ मिलने की जिद करने लगे। यानी बेन स्टोक्स चाहते थे कि मैच को यहीं समाप्त कर दिया जाए। रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर उस वक्त क्रमशः 90 और 80 रन बनाकर क्रीज पर थे और दोनों बल्लेबाज शतक लगाने को आतुर थे। ऐसे में उन्होंने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के अनुरोध नहीं माना, जिस पर वे नाराज हो गए। इस पर बेन स्टोक्स की कड़ी आलोचना हुई। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने बेन स्टोक्स की हरकत को मुखर्तापूर्ण करार दिया और रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर के समर्थन में उतर आए।
नासिर हुसैन ने कहा..ड्रॉ डिजर्व करते थे
स्काई स्पोर्ट्स से बात करते हुए नासिर हुसैन ने कहा, इंग्लैंड के खिलाड़ी थके हुए थे, थके हुए बॉलर्स और थके हुए पैर। वे इससे छुटकारा चाहते थे, जबकि कड़ी मेहनत के बाद दो सेट बल्लेबाज अगर शतक बनाना चाहते थे तो इसमें कोई बुराई नहीं थी। जरूरी नहीं था कि बेन स्टोक्स हैरी ब्रूक से बॉलिंग कराएं। आखिर में यह बहुत बेवकूफी भरा फैसला दिख रहा था। हम इन चीजों को बहुत बढ़ा-चढ़ा देते हैं। उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, ड्रॉ डिजर्व करते थे। वह अंत तक वहां रहना डिजर्व करते थे। यहां यह बता दें कि रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर ने मैनचेस्टर टेस्ट मैच की दूसरी पारी में भारत की तरफ से 5वें विकेट के लिए 203 रन की साझेदारी की थी। दोनों बल्लेबाजो की साझेदारी की बदौलत भारत यह मुकाबला ड्रॉ कराने में सफल रहा। रवींद्र जडेजा ने जहां टेस्ट करियर का 5वां शतक ठोका, वहीं वॉशिंगटन सुंदर ने पहला टेस्ट शतक लगाया।