International Tiger Day: भारत में कितने बाघ हैं? जंगलों से बाहर निकलने पर मिल रही मौत, जानें क्यों?
International Tiger Day: 2022 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में बाघों की संख्या 3,682 तक पहुंच गई है, जबकि साल 2018 में भारत में बाघों की संख्या 2967 थी। देश में बाघों की संख्या बढ़ी है, लेकिन उस हिसाब से जंगलों का दायरा नहीं बढ़ा है। जंगलों से बाहर आने पर बाघ मारे जा रहे हैं। पढ़ें अभिषेक यादव की रिपोर्ट।
International Tiger Day: भारत की शान बाघ (Tiger) अब अपने प्राकृतिक घर यानी जंगलों (Forest) के बजाय जंगलों से बाहर ज्यादा मारे जा रहे हैं। संरक्षित जंगल छोटे पड़ रहे हैं और इनसे बाहर निकलने पर मौत मिल रही है। विश्व बाघ दिवस पर ‘पत्रिका’ ने हालिया वर्षों में हुई बाघों की मौतों की रिपोर्ट को खंगाला तो विकट हालात सामने आए। हालात इशारा कर रहे हैं कि अब नए टाइगर रिजर्व (New Tiger Reserve) स्थापित कर बाघों को वहां बसाने का समय आ चुका है।
इस साल 7 जुलाई तक देश में 108 बाघ मारे गए, इनमें से 60 के शव जंगलों के बाहर मिले। वहीं 48 बाघ संरक्षित जंगलों में मरे हुए मिले। यह सिलसिला पिछले तीन साल से चल रहा है। इससे पहले टाइगर की जंगलों में ज्यादा मौत हो रही थीं। विशेषज्ञों के अनुसार यह अचानक नहीं हुआ। पिछले 15 वर्ष में भारत ने बाघों के संरक्षण पर कड़ी मेहनत की, जिससे उनकी संख्या बढ़ी। लेकिन जंगल उस तेजी से नहीं बढ़े।
चाहिए 100 वर्ग किमी, मिल रहा सिर्फ 23
वयस्क नर बाघ को कम से कम 100 वर्ग किमी और मादा बाघ को 40 से 60 वर्ग किमी जंगल चाहिए होता है। इसमें वे शिकार करते हैं, मार्किंग करते हैं। देश में 3682 बाघों के लिए 56 टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्र 84,487.83 वर्ग किमी है। इसमें 46,701.29 कोर और बाकी बफर क्षेत्र है। एक बाघ को 23 वर्ग किमी जंगल मिल रहा है। पर्याप्त जंगल के अभाव में भी बाघ शिकार होने के साथ आपसी संघर्ष में भी मारे जा रहे हैं।
बाघ इस तरह मरे : 234 का शिकार, 406 की जांच जारी
वर्ष 2012 से सितंबर 2024 तक 1,345 बाघों की मौत रिकॉर्ड की गईं। इनमें से 234 बाघों का शिकार हुआ था। 406 बाघों की मौत की वजह जानने के लिए जांच चल रही है। 40 बाघ हादसों में मारे गए, वहीं 106 मामलों में बाघों के शव कार्रवाई के दौरान जब्त हुए। ये बाघ अप्राकृतिक ढंग से मरे।
Hindi News / National News / International Tiger Day: भारत में कितने बाघ हैं? जंगलों से बाहर निकलने पर मिल रही मौत, जानें क्यों?