Good News: राजस्थान के 2000 आंगनबाड़ी केंद्रों को जल्द आदर्श केंद्र के रूप में विकसित किए जाएंगे। बच्चों के विकास के लिए इन केंद्रों को प्ले स्कूल की तरह बनाया जाएगा। इससे प्रदेश के लाखों बच्चों को लाभ मिलेगा। सरकार के इस फैसले से राज्य के बच्चों को बेहतर वातावरण मिल सकेगा और उनके पोषण और शिक्षण में सहायता होगी। इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों में कुल 14 विभिन्न निर्माण कार्य किए जाएंगे, जिन पर 40 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत को देखते हुए मरम्मत का फैसला लिया गया है।
आंगनबाड़ी केन्द्रों की मरम्मत को लेकर हर जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से ताख़्मीना तैयार कर प्रस्ताव समेकित बाल विकास सेवाएं जयपुर को भेजे गए थे, जिसमें भवन में क्या-क्या कार्य करवाना है। केंद्र ग्रामीण क्षेत्र का है या शहरी क्षेत्र के साथ अन्य जानकारियां भेजी गई हैं। उसी के आधार पर अब प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए राशि की स्वीकृति जारी की गई है। साथ ही बूंदी जिले के 29 आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्य करवाए जाएंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव महेंद्र सोनी ने इस संबंध में आदेश जारी किए है। उपमुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में इसकी घोषणा की थी।
इनका कहना है
जिले के 29 आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए वित्तीय स्वीकृति मिल गई है। इनमें शीघ्र विभिन्न कार्य करवाए जाएंगे। ऋचा चतुर्वेदी, उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, बूंदी हर जिलों के केंद्रों पर यह कार्य करवाएं जाएंगे
केंद्र – यह होंगे कार्य – इतना खर्च आएगा
1622 – नल व्यवस्था फिटिंग – 81.1 लाख 1630 – पानी की टंकी उपलब्ध – 57.05 लाख 1658 – टंकी से पानी आपूर्ति की फिटिंग – 49.74 लाख
2000 – इलेक्ट्रीक मोटर (पंप) क्रय करने – 100 लाख 1406 – बिजली फिटिंग करवाने का कार्य – 253.08 लाख 1567 – पंखें, एलईडी बल्ब आदि उपकरण – 78.35 लाख 1446 – छतों की मरम्मत – 578.4 लाख
1439 – दरवाजे व खिड़कियों की मरम्मत – 215.85 लाख 1449 – फर्श की मरम्मत – 695.52 लाख 2000 – रसोई में स्लैब लगवाना – 360 लाख 1618 – चाइल्ड फ्रेंडली टॉयलेट – 323.6 लाख
1514 – बाल चित्रकारी व डिस्प्ले- 605.6 लाख 2000 – स्वच्छ पेयजल केलिए आरओ खरीदने – 200 लाख 1339 – चिल्ड्रन पार्क विकसित करने – 401.07 लाख
इन आंगनबाड़ी केंद्रों की बदलेगी सूरत
बूंदी जिले में 29 आंगनबाड़ी केंद्रों को आदर्श आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में तब्दील किया जाएगा। इसमें बूंदी शहर के कोटखेड़ा, सगावंदा, मोहनपुरा, खटकड़-4,अजेता-1, तालेड़ा परियोजना के केथूदा, डोरा, करौंदी, जमीतपुरा-1, मेहराना-11,हिंडोली के चतरंगज- 1, बडा़ैदिया-1,बसोली, डाटूंदा, बड़ानयागांव, गुढ़ाबांध, नैनवां के धानुगांव, ताकला, सुवानिया, बामनगांव-1,पीपल्या एवं केशवरायपाटन के उतरना, झालीजी का बराना, नोताड़ा, अरनिया, रोटेदा-11, रंडी, सुमेरगंजमंडी- 1,बढ़ावदी के केंद्र विकसित किए जाएंगे।
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