खदान के पानी में डूबने से किशोरी की मौत, लगाया जाम
पीली की खान में एक क्रेशर खदान में भरे पानी में एक किशोरी की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है। परिजन क्षतिपूर्ति राशि की मांग को लेकर कस्बे के मार्ग पर बैठ गए। इस दौरान कस्बे का मुख्य मार्ग पर यातायात करीब 3 घंटे से अधिक बंद रहा।


तालेड़ा. कस्बे के मुख्य मार्ग पर जाम लगाकर बैठे बालिका के परिजन।
तालेड़ा. पीली की खान में एक क्रेशर खदान में भरे पानी में एक किशोरी की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है। परिजन क्षतिपूर्ति राशि की मांग को लेकर कस्बे के मार्ग पर बैठ गए। इस दौरान कस्बे का मुख्य मार्ग पर यातायात करीब 3 घंटे से अधिक बंद रहा। तालेड़ा नायब तहसीलदार हर्षित कुमार ने बताया कि बताया कि किशोरी कृष्णा पीली की खान से गुरुवार को बकरियां चराने गई थी। जब शाम को घर वापस नहीं लौटी तो परिजनों ने तलाश शुरू को गई। इस दौरान किशोरी की चप्पल क्रेशर की खदान में भरे पानी के पास मिली।इस पर अनुमान लगाया कि किशोरी पानी में डूब गई है। ग्रामीण व परिजनों ने पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर पानी में तलाश शुरू की गई। इस दौरान सिविल डिफेंस की टीम ने मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। देर रात तक तलाशने पर भी किशोरी नहीं मिली। सवेरे आकर सिविल डिफेंस की सदस्यों ने तलाशी अभियान शुरू किया गया। तलाशी के दौरान पानी में किशोरी का शव मिला, जिसको पुलिस को सुपुर्द किया गया। पुलिस तालेड़ा अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए लेकर आए जहां पर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया।
राशि मिलने पर सडक़ से उठे
शव सुपुर्द किए जाने के बाद मुआवजे की मांग को लेकर कस्बे के मुख्य
मार्ग की सडक़ पर किशोरी के परिजन बैठ गए। इस दौरान यातायात बाधित रहने से 3 घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही। इस दौरान क्रेशर मालिक ने मौके पर बुलाकर 5 लाख नकद राशि का बालिका के परिजनों को भुगतान किया। सडक़ पर बैठे परिजन ने मार्ग से धरना प्रदर्शन समाप्त किया। इस के साथ ही सरकार से नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि दिलवाए जाने की नायब तहसीलदार ने आश्वासन
दिया हैं।
केडीए के खाते में दर्ज खदान
तालेड़ा उपखंड में क्षेत्र में क्रेशर की कई खदान चल रही है। जाखमुंड में भी इस तरह का दुखद हादसा कुछ दिनों पहले ही हुआ है। कई जगह पर अवैध रूप से खुदाई करते है और बारिश के दिनों खदान में पानी भरने बाद उसे लावारिस समझ कर छोड़ देते हैं।
पीली की खदान कोटा विकास प्राधिकरण के खाते में दर्ज चली आ रही है, जिससे सिवायक चक है। इस पर क्रेशर मलिक किस हैसियत से खुदाई कर रहा था इसका कारण तो माइङ्क्षनग अधिकारी ही बता सकते हैं कि खदान अवैध चल रही थी या वैध।
हर्षित कुमार, नायब तहसीलदार, तालेड़ा
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