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बूंदी

मानसून के पहले चरण में टूटी 582 किलोमीटर सड़कें

जिले में मानूसन के पहले में हुई बारिश से मुख्य सहित ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई है।

बूंदीJul 25, 2025 / 06:15 pm

पंकज जोशी

मानसून के पहले चरण में टूटी 582 किलोमीटर सड़कें

देई. कस्बे के नैनवां रोड पर स्टेट हाइवे 34 पर उखड़ी सड़क।

बूंदी. जिले में मानूसन के पहले में हुई बारिश से मुख्य सहित ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे में लोगों की आवाजाही प्रभावित होने के साथ ही सार्वजनिक विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी है। सबसे अधिक नुकसान नैनवां सर्किल क्षेत्र में हुआ है। बारिश से हुए नुकसान की सूचना उच्चाधिकारियों को पहुंचा कर मरम्मत करने के लिए बजट मांगा गया है।
जानकारी के अनुसार बूंदी सर्किल में 105.27 किलोमीटर सड़के क्षतिग्रस्त हो गई है तथा कुछ स्थानों पर जलभराव होने से सड़कें कुछ मीटर उखड़ चुकी है। इसके लिए 78 करोड़ 36 लाख रुपए का प्रस्ताव बना कर भेजा गया है। वहीं बूंदी सर्किल द्वितीय में 89.43 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है। इसके लिए66 करोड़ 66 लाख रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है।
वहीं 76 आवासीय भवनों में तत्काल मरम्मत की आवश्यकता बताते हुए 93 लाख की मांग की गई है। तथा पूर्ण मरम्मत के लिए 1 करोड़ 93 लाख पचास हजार रुपए की मांग की है। इसके अलावा 19 कार्यालय भवनों की तत्काल मरम्मत के लिए 26 लाख पचास हजार रुपए के प्रस्ताव भेजे गए है। वहीं पूर्ण मरम्मत के लिए 51 लाख रुपए की मांग की गई है।
नैनवां में सर्वाधिक नुकसान
जिले में सबसे अधिक बारिश नैनवां सर्किल में हुई है। विभाग की ओर से करवाए गए सर्वे में 208 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त होना पाया गया है, हालाकि इनमें कुछ सड़कें गारंटी अवधि की भी शामिल है, जिन्हें संवेदक द्वारा मरम्मत करवाई जाएगी। इन सड़कों की मरम्मत के लिए 147.96 लाख रुपए के प्रस्ताव भेजे गए है। वहीं लाखेरी सर्किल क्षेत्र में 180.50 किमी सड़कें क्षतिग्रस्त होना पाया गया है। इन सड़कों की तत्काल मरम्मत के लिए 66.89 लाख रुपए के बजट की मांग की गई है, वहीं पूर्ण मरम्मत के लिए 92.94 लाख रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है।
फिर मॉनिटरिंग किस बात की
सड़क निर्माण के दौरान अभियंता द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है तथा निर्माण पूरा होने पर उसकी एमबी भी भरी जाती है। वहीं मानसून के पहले चरण में काफी मात्रा में सड़कें टूटना अभियंताओं की मॉनिटरिंग व क्वालिटी कन्ट्रोल पर सवालिया निशान लगाती है। अभियंता गारंटी अवधि की सड़कें संवेदक से मरम्मत करवाने एवं अन्य सड़कों के बजट आने पर पैचवर्क करवाने की बात कह रहे है।
क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए सर्वे करवा कर प्रस्ताव भिजवाए गए है। तथा सड़कों, आवास व कार्यालयों में हुए नुकसान से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। बजट आते ही कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।
चन्द्रशेखर, अधिशासी अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, बूंदी

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