जिले में सबसे अधिक बारिश नैनवां सर्किल में हुई है। विभाग की ओर से करवाए गए सर्वे में 208 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त होना पाया गया है, हालाकि इनमें कुछ सड़कें गारंटी अवधि की भी शामिल है, जिन्हें संवेदक द्वारा मरम्मत करवाई जाएगी। इन सड़कों की मरम्मत के लिए 147.96 लाख रुपए के प्रस्ताव भेजे गए है। वहीं लाखेरी सर्किल क्षेत्र में 180.50 किमी सड़कें क्षतिग्रस्त होना पाया गया है। इन सड़कों की तत्काल मरम्मत के लिए 66.89 लाख रुपए के बजट की मांग की गई है, वहीं पूर्ण मरम्मत के लिए 92.94 लाख रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है।
सड़क निर्माण के दौरान अभियंता द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है तथा निर्माण पूरा होने पर उसकी एमबी भी भरी जाती है। वहीं मानसून के पहले चरण में काफी मात्रा में सड़कें टूटना अभियंताओं की मॉनिटरिंग व क्वालिटी कन्ट्रोल पर सवालिया निशान लगाती है। अभियंता गारंटी अवधि की सड़कें संवेदक से मरम्मत करवाने एवं अन्य सड़कों के बजट आने पर पैचवर्क करवाने की बात कह रहे है।
चन्द्रशेखर, अधिशासी अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, बूंदी