‘मिथुन एक लेजेंड…’
बिहार के पुराने सिनेमा हॉल ‘रूपबानी’ के मालिक विशेक चौहान ने एक डिजिटल पॉडकास्ट में बताया कि मिथुन ने बिहार में सिंगल-स्क्रीन थियेटरों को जिंदा रखा। मिथुन एक लेजेंड हैं, चाहे लोग उनके बारे में कुछ भी कहें। एक वक्त था जब वो हर महीने हमें दो फिल्में देते थे। ऊटी में उनका खुद का एक फिल्म इंडस्ट्री जैसा सेटअप था और उस समय राज बब्बर उनके बड़े प्रोड्यूसर थे। उनकी हर फिल्म 100% ऑक्यूपेंसी के साथ चलती थी, और हमें पता होता था कि अगले कुछ दिन बहुत अच्छे बीतेंगे। उन्होंने आगे कहा कि ये फिल्में कम बजट में बनाई जाती थीं और खासतौर पर सिंगल स्क्रीन थिएटरों के लिए बनाई जाती थीं। मिथुन हर दिन के लिए 1 लाख रुपये फीस लेते थे, और उनका एक ही शर्त होती थी कि शूटिंग ऊटी में ही होगी। पूरी टीम उनके अपने मोनार्क होटल में ठहरती थी, और जब तक फीस मिलती रहती, मिथुन फिल्म के मुताबिक शूटिंग करते रहते थे।
थियेटर के के मालिक ने सुनाया मजेदार किस्सा
विशेक ने एक मजेदार किस्सा याद किया। उन्होंने बताया कि एक बार शूटिंग के दौरान कोरियोग्राफर मिथुन चक्रवर्ती के एक डांस स्टेप से खुश नहीं थे, क्योंकि उनका हाथ गलत दिशा में जा रहा था। कई बार कोशिश करने के बाद भी जब शॉट ठीक नहीं हुआ, तो मिथुन थोड़ा चिढ़ गए और बोले, ‘अगर हाथ सही दिशा में चला भी गया, तो क्या फिल्म हिट हो जाएगी?’ विशेक ने कहा कि उस दौर में मिथुन इतने बड़े स्टार थे कि वो अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा कामयाब माने जाते थे।
फिल्मों का क्रेज
मिथुन चक्रवर्ती की फिल्मों का क्रेज खास तौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बंगाल जैसे राज्यों में अलग ही स्तर पर था। मिथुन की खासियत थी कि वो कम बजट की फिल्में जल्दी शूट करते थे और उन्हें बड़े स्तर पर रिलीज किया जाता था। यही कारण था कि मुनाफा शानदार होता था।