12 अप्रैल को कोसाबाड़ी निवासी पुष्पा गिरि गोस्वामी ने लोरमी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बीती रात उसकी बेटी लाली रात में उसके साथ सो रही थी। रात करीब 2 बजे जब नींद खुली तो देखा कि वह बिस्तर पर नहीं है। सुबह तक तलाशने पर भी वह कहीं नहीं मिली।
श्मशान में मिली थी खोपड़ी और हड्डियां
इस पर लोरमी पुलिस गुमशुदगी के साथ अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर पतासाजी में जुट गई। करीब तीन हफ्ते बाद, 6 मई को गांव के श्मशान के पास पुलिस को एक खेत से मानव खोपड़ी और हड्डियां मिलीं। फॉरेंसिक जांच कर डॉक्टरों ने बताया कि वे 7-8 साल की बच्ची की हैं। डीएनए जांच में यह पुष्टि हुई कि ये अवशेष लाली के ही थे। अस्थियों पर चोट के निशान ने हत्या के सबूत पुख्ता कर दिए। आगे की जांच के दौरान पुलिस ने बच्ची के माता-पिता की पारिवारिक पृष्ठभूमि खंगाली। पता चला कि लाली के पिता जनक गिरि पोलियो व लकवा ग्रस्त हैं। बेहद गरीब परिवार है। लाली की मां पुष्पा मानसिक रूप से कमजोर है। परिवार चिम्मन गिरि पर आर्थिक रूप से आश्रित है, जो लाली का चचेरा भाई है।
ऐसे रचा गया षड़यंत्र
पुलिस पूछताछ में पता चला कि ऋतु गोस्वामी ने ‘झरन पूजा’ के लिए बच्ची लाने का आदेश दिया। गांव के ही नरेंद्र मार्को को बच्ची लाने के लिए पैसे दिए गए। चिम्मन गिरि ने पूजा की सामग्री जुटाई। रामरतन निषाद तांत्रिक विधियों का जानकार था। आकाश मरावी ने बलि के बाद शव को खेत में दफनाने में मदद की। धन प्राप्ति की लालसा बनी वजह
गांवों में यह
अंधविश्वास है कि ‘झरन पूजा’ से मनचाहा धन मिलता है। लेकिन इसके लिए किसी की बलि देनी पड़ती है। ऋतु गोस्वामी पर कई संस्थाओं का लोन था, लिहाजा उसने अपने पति चिम्मन व तांत्रिक रामरतन के साथ मिल कर षड़यंत्र रचा और कर्ज चुकाने के लिए इस घिनौनी योजना को अंजाम दिया।
ऋतु पर लोन घोटाले का भी केस
ऋतु ने गांव की महिलाओं के नाम पर लोन लेकर राशि हड़प ली थी। इस पर लोरमी थाने में संयुक्त रूप से धारा 420, 406 के तहत केस दर्ज है।
गिरफ्तार आरोपियों में ये शामिल
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में चिम्मन गिरी गोस्वामी (40), ऋतु गोस्वामी (36), नरेंद्र मार्को (21), आकाश मरावी (21), रामरतन निषाद (45) शामिल हैं। सभी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।
गवाह बना पड़ोसी
जांच के दौरान पुलिस को एक पड़ोसी ने बताया कि उसने घटना वाली रात एक महिला और एक पुरुष को बच्ची को श्मशान की ओर ले जाते देखा था। इसी आधार पर पुलिस ने जांच की दिशा तय की।
ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट से हुआ खुलासा
पुलिस ने संदेह के आधार पर मां पुष्पा व चिम्मन की पत्नी ऋतु का ब्रेन मैपिंग, पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट कराया। इसमें खुलासा हुआ कि ‘झरन पूजा’ के लिए ही लाली की बलि देने की साजिश रची गई थी।