कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक विनोद कुमार जैन ने बताया कि खड़ी फसल में सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, कीट व व्याधियों सहित कटाई उपरांत 14 दिनों तक प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान पर बीमा सुरक्षा मिलेगी। इस बार बीमा शिकायत दर्ज करवाने के लिए 14447 हेल्पलाइन नम्बर, कृषि रक्षक पोर्टल और क्रॉप इंश्योरेंस ऐप जैसे विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं।
ऋणी कृषकों को बैंक में देना होगा घोषणा पत्र बीमा योजना स्वैच्छिक है, लेकिन ऋणी खाताधारकों का प्रीमियम बैंक खातों से स्वत: कटेगा। यदि ऋणी कृषक बीमा नहीं कराना चाहता, तो उसे संबंधित बैंक या सहकारी समिति में घोषणा पत्र देना अनिवार्य है। घोषणा पत्र नहीं देने की स्थिति में बैंक प्रीमियम राशि काट लेगा। साथ ही इस बार बैंक पोर्टल पर ऋणी कृषक का बीमा या त्याग प्रमाण अनिवार्य रूप से अपलोड किया जाना आवश्यक है।
गैर-ऋणी कृषकों के लिए प्रावधान गैर-ऋणी कृषक भी अपनी फसलों का बीमा 31 जुलाई तक करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें निम्न दस्तावेज जमा कराने होंगे। इसमें भूमि की नवीनतम जमाबंदी। स्व-घोषणा पत्र जिसमें खसरा संख्या व बुवाई क्षेत्र अंकित हो। बैंक खाता विवरण की प्रति। ये बीमा सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, वाणिज्यिक बैंक, सीएससी, बीमा एजेंट अथवा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से कराया जा सकता है।
बीमित फसलों में परिवर्तन 29 तक हो सकेगा क्रेडिट कार्ड के तहत बीमित फसल में परिवर्तन की स्थिति में 29 जुलाई या अंतिम तिथि से दो दिन पूर्व तक संबंधित बैंक को जानकारी देना अनिवार्य है।
खरीफ 2025 में अधिसूचित फसलें एवं बीमित राशि प्रति हैक्टेयर: फसल बीमित राशि
- उड़द 22,142
- मूंग 32,094
- कपास 35,853
- मूंगफली 76,445
- ग्वार 40,482
- मक्का 45,638
- धान 60,007
- बाजरा 35,139
- तिल 18,918
- ज्वार 38,923
- सोयाबीन 53,631
72 घंटे में दर्ज करानी होगी सूचना
यदि फसल को ओलावृष्टि, तूफान या असमय बारिश से नुकसान होता है तो 72 घंटे के भीतर कृषि रक्षक पोर्टल, हेल्पलाइन नंबर 14447 या क्रॉप इंश्योरेंस ऐप पर नुकसान की रिपोर्ट करना अनिवार्य है। इससे बीमा क्लेम की प्रक्रिया सुगम होगी और किसानों को समय पर राहत मिलेगी।
किसानों के लिए काम की खास बाते
- – बीमा की अंतिम तिथि: 31 जुलाई
- -ऋणी कृषकों के घोषणा पत्र की अंतिम तिथि: 25 जुलाई
- – फसल परिवर्तन सूचना की अंतिम तिथि: 29 जुलाई
- – शिकायत दर्ज करने के साधन: 14447, कृषि रक्षक पोर्टल, ऐप
- – बीमा प्रीमियम: अधिकतम 2 प्रतिशत
- – क्षति मूल्यांकन: फसल कटाई प्रयोग के आधार पर