यह भी पढ़ें:
Black Out in CG: ब्लैकआउट हुआ दुर्ग, सायरन बजते ही 15 मिनट के लिए थम गया शहर लोगों को जल्दी -जल्दी वाहन से उतरने और कान बंद कर नीचे बैठने के लिए कहा जा रहा है। फोरवीलर
वाहनों में बैठे लोगों को बाहर निकल कर जमीन में बैठकर कान बंद करने के लिए कहा जा रहा है। लोग वैसा ही कर रहे हैं जहां कहा जा रहा है। जवानों ने चौक में मौजूद सारे वाहनों के भीतर देखा। हर किसी को बाहर निकाल दिया है। जिंदगी एक तरह से थम सी गई है।
करीब 13 मिनट के बाद लोगों को जाने की इजाजत दी गई है। यह मॉकड्रील था। जिसमें युद्ध के समय हवाई हमला होने पर अपनी खुद की सुरक्षा करने के बारे में बताने के लिए मॉकड्रील किया गया। ठीक 15 मिनट पूरा होने के बाद दूसरा सायरन बजा। असल में इस सायरन के बाद लोगों को चौक से छोड़ा जाना था लेकिन वे दो मिटन पहले ही आगे बढ़ गए थे।
झुलसे लोगों को पहुंचाया अस्पताल सूर्या मॉल के भीतर मौजूद तमाम ग्राहकों को जवानों ने बाहर जाने के लिए इशारा किया। इसके साथ-साथ अनाउंस करवाया गया कि मॉल में आग लग गई है, जल्द से जल्द मॉल को खाली कर दें। देखते हुए देखते मॉल पूरी तरह से खाली कर दिया गया है। दुकानदार भी बाहर निकल गए। इसके बाद झुलसे हुए और घायलों के बचाव में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची है। वे भीतर गए और उसके बाद एक-एक कर घायलों व झुलसे हुए लोगों को उठाकर बाहर लाने का सिलसिला शुरू हुआ। घायलों व झुलसे हुए लोगों को हॉस्पिटल लेकर जाने एंबुलेंस पहले से तैयार खड़ी थी।
इसी तरह से दमकल वाहन के जवान आग को नियंत्रण करने में जुटे हुए हैं। एक-एक कर करीब आधा दर्जन से अधिक घायलों व झुलसे हुए लोगों को उठाकर बाहर ले जाया गया। वहीं अलग-अलग टीम इस काम में जुटी हुई है।
मॉल को किया गया ब्लैक आउट मॉल के भीतर की सभी लाइट को बंद कर दिया गया है। इस बीच मॉकड्रील का जायजा लेने के लिए संभागायुक्त, आईजी व कलेक्टर पहुंचे हैं। मॉल के भीतर के कुछ हिस्सों को जहां आग लगी है, उसके पहले के रास्ते को बंद कर दिया गया है। जिससे कोई आम लोग वहां पहुंच न सके। करीब आधा घंटे का वक्त पूरा हो गया है। अब अधिकारी और जवान मॉल से बाहर निकल रहे हैं।
क्या कहा कलेक्टर ने कलेक्टर अभिजीत सिंह ने बताया कि मॉल में आग लगने की घटना हुई है। रिस्पांस टाइम कितना रहा सभी एजेंसी का, उसको मॉनीटरिंग किया गया। जिला बल, एनडीआरएफ, दमकल विभाग की टीम पहुंची। आग को नियंत्रित किया गया। भीतर जो घायल थे, उनको निकाला गया और जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज भेजा गया। सभी जगह रिस्पांस टीम नोट किया गया। इस दौरान जो कमियां होंगी, उनको दूर किया जाएगा। ताकि भविष्य में इस तरह की घटना हो, तो उसका रिस्पांस और कम वक्त में हो सके।