‘घर का काम नहीं, जो जेब से रुपए दे’, स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का बड़ा बयान; इस्तीफे पर भी बोले
Madan Dilawar: भरतपुर दौरे पर आए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्कूलों को मिलने वाले बजट के सवाल पर कहा किये कोई घर का काम तो है नहीं कि जेब से पैसे निकाल कर दे दो।
भरतपुर। राजस्थान के झालावाड़ जिले में सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 मासूमों बच्चों की मौत के बाद लगातार जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत की मांग उठ रही है। इसी बीच शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का बड़ा बयान सामने आया है। प्रदेश के जर्जर सरकारी स्कूलों की मरम्मत के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि ये कोई घर का काम तो है नहीं कि जेब से पैसे निकाल कर दे। साथ ही मदन दिलावर ने इस्तीफे के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी।
भरतपुर दौरे पर आए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्कूलों को मिलने वाले बजट के सवाल पर मीडिया से कहा कि रुपए पहुंच रहे हैं। ये सरकारी प्रोसेस होता है, टेंडर होता है। ये कोई घर का काम तो है नहीं कि जेब से पैसे निकाल कर दे दो। उन्होंने कहा कि मैंने नैतिकता के आधार पर घटना की जिम्मेदारी ली है। हमारे पास जर्जर स्कूलों की सूची आई उसमें झालावाड़ के स्कूल का नाम नहीं था। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछली बार मरम्मत के लिए 80 करोड़ रुपए दिए और इस बार भी 80 करोड़ रुपए दिए थे। इस बार 175 करोड़ की स्वीकृतियां जारी हो रही हैं।
इस्तीफे की मांग पर कहा- पार्टी जैसा कहेगी वैसा करूंगा
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मीडिया ने मुझसे पूछा था कि क्या आप नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देंगे, इस पर मैंने कहा है कि मैंने इसकी जिम्मेदारी ली है। मैं मंत्री अपनी मर्जी से नहीं बना हूं। मुझे भाजपा और सीएम ने मंत्री बनाया है, वो जैसा कहेंगे, मैं वैसा कर लूंगा।
जिम्मेदारों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
दिलावर ने कहा कि हादसे में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए पांच जनों को निलंबित किया है। यह इसलिए किया गया कि बच्चों ने कंकड़ गिरने की बात कही, लेकिन उनकी बात को अनसुनी कर शिक्षक बाहर नाश्ता करने चले गए। मंत्री ने कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाकर जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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