निरीक्षण के दौरान तहसील परिसर में फैली गंदगी, दीवारों पर पान की पीक और खुले में शौच की घटनाओं पर एसडीएम जमकर भड़के। उन्होंने एक मुंशी को खुले में शौच करते देख लिया, जिसके बाद मौके पर ही सार्वजनिक रूप से उठक-बैठक कराई। यही नहीं, जब शौचालयों की सफाई पर अधिवक्ताओं ने सवाल उठाए तो खुद माइक थामकर मंच से उठक-बैठक लगाई और कहा, गलती स्वीकारना कोई कमजोरी नहीं, बल्कि सुधार की शुरुआत है।”
जनता से सीधा संवाद और सख्त चेतावनी
निरीक्षण के बाद एसडीएम ने अधिवक्ताओं से संवाद किया और साफ शब्दों में कहा कि तहसील परिसर को स्वच्छ रखना सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिवक्ताओं को चेतावनी दी कि अगर सफाई में लापरवाही दिखी तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम के स्वागत के लिए लेखपाल संघ जब बुके लेकर उनके कार्यालय पहुंचे, तो रिंकू सिंह ने फौरन उन्हें रोक दिया। जब एक लेखपाल ने बताया कि बुके की कीमत 450 रुपये है, तो एसडीएम ने नाराजगी जताते हुए कहा, “इतने पैसों में किसी गरीब की मदद करो, मेरा स्वागत करने की इससे बेहतर तरीका और कोई नहीं हो सकता। उन्होंने सभी को साफ निर्देश दिए कि फील्ड में ईमानदारी से काम करें।
बच्चों को तहसील लाने पर पिता को भी सजा
निरीक्षण के दौरान कुछ नाबालिग बच्चों को उनके माता-पिता के साथ तहसील परिसर में देखकर एसडीएम भड़क उठे। उन्होंने पूछा कि स्कूल टाइम में बच्चे यहां क्यों हैं। जब पिता ने कहा कि वे शिकायत लेकर आए थे और बच्चे भी साथ आ गए, तो एसडीएम ने सार्वजनिक रूप से पिता को भी उठक-बैठक लगवा दी।
शिकायतों की निगरानी के लिए बनाएंगे बच्चों की टीम
एसडीएम ने बताया कि वह क्षेत्र के बच्चों की एक टीम बनाएंगे, जो सीधे उनसे संपर्क में रहेगी और स्थानीय समस्याएं बताएगी। साथ ही, प्रत्येक गांव में एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा, जिससे ग्रामीण अपनी समस्याएं सीधे एसडीएम तक पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत शिक्षा को लेकर भी विशेष अभियान चलाया जाएगा।