ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। परिजनों व ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक उदासीनता के कारण गांव के लोगों को न्याय नहीं मिल रहा है। परिजनों का कहना है कि सरकार द्वारा घोषित राशि नाकाफी है और हादसे की गंभीरता को देखते हुए न्यायोचित मुआवजा दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि यह हादसा उस समय हुआ था जब कांवड़ यात्रा पर निकले युवकों की गाड़ी बिजली के हाईटेंशन लाइन को छू गई थी। जिससे करंट फैल गया और दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 32 अन्य लोग झुलस गए थे।