भूख हड़ताल पर बैठे लोगों की मांग है कि मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा, एक-एक सरकारी नौकरी और करंट लगने से झुलसे अन्य लोगों को उचित आर्थिक सहायता दी जाए। परिजनों का कहना है कि सरकार द्वारा घोषित राशि नाकाफी है और हादसे की गंभीरता को देखते हुए न्यायोचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। भाजपा नेता श्याम सुंदर मीना भी पीड़ित परिवारों की मांगों का समर्थन करते हुए भूख हड़ताल में शामिल हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह हादसा लापरवाही का परिणाम है और प्रशासन को जवाबदेह बनाते हुए पीड़ितों को पूरी सहायता दी जानी चाहिए। गौरतलब है कि यह हादसा उस समय हुआ था जब कांवड़ यात्रा पर निकले युवकों की गाड़ी बिजली के हाईटेंशन लाइन को छू गई थी। जिससे करंट फैल गया और दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 32 अन्य लोग झुलस गए थे। घटना के बाद से गांव में शोक का माहौल है और ग्रामीणों में रोष बना हुआ है।