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सोमवती अमावस्या पर कर लें पुराणों में बताया ये काम, आप पर हमेशा रहेगी भगवान की कृपा

Somvati Amavasya 2025: जब अमावस्या सोमवार को पड़ती है तो इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस दिन पितरों की पूजा के साथ भगवान शिव के रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। लेकिन गरुण पुराण और पद्म पुराण की मान्यता है कि इस दिन सिर्फ इन कामों में से एक काम कर लेने से भगवान की कृपा मिल जाती है। आइये जानते हैं सोमवती अमावस्या पर क्या करें..

भारतMay 22, 2025 / 04:21 pm

Pravin Pandey

Somvati Amavasya Upay

Somvati Amavasya Upay: सोमवती अमवास्या पर कर सकते हैं ये उपाय (Photo Source: Pinterest)

Somvati Amavasya Upay: हर अमावस्या की तरह सोमवती अमावस्या भी पूजा पाठ दान-पुण्य और तीर्थ स्नान के लिए विशेष होती है। इस दिन इन धार्मिक कार्यों से अक्षय पुण्य मिलता है। मन शांत होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं। इसलिए इस तिथि पर संभव हो तो अपने-अपने क्षेत्रों की पवित्र नदियों में स्नान जरूर करना चाहिए और क्षेत्र के पौराणिक महत्व वाले तीर्थों के, मंदिरों के दर्शन करने जाना चाहिए। इसके अलावा सोमवती अमावस्या के उपाय कर आप ईश्वर की कृपा पा सकते हैं। आइये जानते हैं अमावस्या के आसान उपाय ..


रुद्राभिषेक और अन्य पूजा

ज्येष्ठ माह 2025 की अमावस्या सोमवार को है। इसलिए यह अमावस्या सोमवती अमावस्या कही जाएगी। यह दिन आत्मशुद्धि, पितृ तर्पण और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का अवसर है। यदि इस दिन विधिपूर्वक पूजा और उपाय किए जाएं तो घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। इस पावन अवसर का महत्व समझते हुए इस दिन श्रद्धा और आस्था के साथ रुद्राभिषेक और पूजा अर्चना करनी चाहिए।


पितरों को तर्पण

गरुड़ पुराण के अनुसार सोमवती अमावस्या पर पितरों का तर्पण बेहद शुभफल देने वाला होता है। इस दिन पितरों को तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और घर खुशियों से भर जाता है।
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सोमवती अमावस्या व्रत


ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार सोमवती अमावस्या व्रत अत्यंत शुभ होता है। वैसे तो महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए इस दिन व्रत रखती हैं और भगवान शिव माता पार्वती की पूजा करती हैं। लेकिन पितृ दोष निवारण के लिए इस दिन हर व्यक्ति को व्रत करना चाहिए।

सूर्य को अर्घ्य

ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि पदमपुराण के अनुसार पूजा, तपस्या, यज्ञ आदि से भी श्री हरि को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी कि प्रातः स्नान कर जगत को प्रकाश देने वाले भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से होती है।
इसलिए पूर्व जन्म और इस जन्म के सभी पापों से मुक्ति और भगवान सूर्य नारायण की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रत्येक मनुष्य को नियमित सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य को अर्घ्य अवश्य प्रदान करना चाहिए। लेकिन नियमित सूर्य को अर्घ्य नहीं दे पा रहे हैं तो सोमवती अमावस्या को ही यह काम कर देने भर से सभी फल मिल जाते हैं।

पीपल के वृक्ष और भगवान विष्णु की पूजा

मान्यता है कि अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष में पितरों का वास होता है। इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन किया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए इस दिन मीठे जल में दूध मिलाकर चढ़ाएं, क्योंकि इस दिन पीपल के पेड़ पर मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। पूजन के बाद पीपल की यथा शक्ति परिक्रमा करके जीवन में आने वाली सभी समस्याएं खत्म होने के लिए प्रार्थना करें।

दान करने से मिलेगा पुण्य

सोमवती अमावस्या के दिन अन्न, दूध, फल, चावल, तिल और आवंले का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। गरीबों, साधु, महात्मा तथा ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए। स्नान- दान आदि के अलावा इस दिन पितरों का तर्पण करने से परिवार पर पितरों की कृपा बनी रहती है।

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