यदि आप आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं तो एकादशी के दिन विष्णु जी के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आप आर्थिक रूप से संपन्न होते हैं। एकादशी का व्रत रखने से शरीर रोग मुक्त भी रहता है।
अपरा एकादशी पूजा विधि (Apara Ekadashi Puja Vidhi)
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए ये स्टेप अपना सकते हैं। 1.इस दिन यदि आप व्रत रखते हैं तो प्रातः उठकर, स्नान से मुक्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
एकादशी पर न करें ये गलतियां (Apara Ekadashi Par Kya Na Kare)
विद्वान एकादशी व्रत के दिन कुछ गलतियों को भूलकर भी करने से बचने की सलाह देते हैं, उनका कहना है कि इससे भगवान नाराज हो जाते हैं। ऐसे लोग जो व्रत रख रहे हैं उन्हें तो जरूर इन बातों का पालन करना चाहिए।
अपरा एकादशी कथा (Apara Ekadashi Vrat Katha)
भगवान श्रीकृष्ण ने अपरा एकादशी व्रत का महत्व सबसे पहले धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था। इसके अनुसार अपरा एकादशी व्रत को करने से प्रेत योनि, ब्रह्म हत्या आदि पाप से मुक्ति मिलती है।
अपरा एकादशी कथा के अनुसार प्राचीन काल में महीध्वज नाम का एक धर्मात्मा राजा था। वहीं उसका छोटा भाई वज्रध्वज बड़ा ही क्रूर, अधर्मी और अन्यायी था, जो अपने बड़े भाई महीध्वज से घृणा और द्वेष करता था। राज्य पर अपना आधिपत्य जमाने के लिए एक रात उसने बड़े भाई की हत्या कर दी और उसकी देह को जंगल में पीपल के नीचे गाड़ दिया।
महीध्वज की मुक्ति के लिए ऋषि ने अपरा एकादशी व्रत रखा और श्रीहरि विष्णु से राजा के लिए कामना की। इस पुण्य के प्रभाव से राजा की प्रेत योनि से मुक्ति हो गई। राजा बहुत खुश हुआ और वह ॠषि को धन्यवाद देता हुआ स्वर्ग लोग में चला गया।