भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के ज़रिए पाकिस्तान (Pakistan) की नींद उड़ा दी है। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) में हुई 26 लोगों की मौत और 20 लोगों के घायल होने से भारत में आक्रोश था, लेकिन आधी रात को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक्स करते हुए भारत ने इसका बदला ले लिया है। इस मिशन को भारतीय आर्मी और एयर फोर्स ने मिलकर अंजाम दिया। पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हुए हवाई हमलों के बाद देशभर में खलबली मची हुई है। कुछ प्रांतों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। सभी उड़ानों को फिलहाल के लिए रद्द कर दिया गया है। पाकिस्तानी जनता में डर का माहौल है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ज़रिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान में कहाँ और किन ठिकानों को दहलाया? आइए नज़र डालते हैं।
1. बहावलपुर – जैश का गढ़
बहावलपुर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है और यह जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर माना जाता है। मसूद अजहर, जो जैश का सरगना है, यहीं पनाह लिए हुए है। यह वही संगठन है जिसने पुलवामा जैसे हमलों की साजिश रची थी। भारत की खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यहाँ से आतंकी हमलों की योजना बनाई जाती है, आतंकियों को फंडिंग दी जाती है और उनका ब्रेनवॉश कर उन्हें भारत भेजा जाता है। इस कारण यह ठिकाना सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य था।
2. मुरिदके – लश्कर-ए-तैयबा का संचालन केंद्र
मुरिदके लाहौर के पास स्थित है और इसे लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय माना जाता है। यहीं से 2008 के मुंबई हमलों की रणनीति बनी थी। हाफिज़ सईद जैसे खूंखार आतंकी का यह बेस पिछले दो दशकों से सक्रिय है। इस ठिकाने पर आतंकियों की ट्रेनिंग, रिक्रूटमेंट और भारत-विरोधी एजेंडा चलाया जाता है। भारत ने इस बार मुरिदके को सीधे निशाने पर लेकर आतंक के नेटवर्क को सीधा संदेश दिया।
3. सियालकोट – हिज़बुल्लाह और जैश की जुगलबंदी
सियालकोट अंतरराष्ट्रीय सीमा के काफी नजदीक है और यहाँ हिज़बुल्लाह और जैश-ए-मोहम्मद दोनों के संयुक्त ट्रेनिंग कैम्प मौजूद हैं। यहाँ से कठुआ, सांबा और जम्मू के इलाकों में घुसपैठ कराने की कोशिशें की जाती रही हैं। इस लोकेशन को टारगेट कर भारत ने उन रूट्स को ब्लॉक करने की कोशिश की है, जिनसे आतंकियों को जम्मू क्षेत्र में भेजा जाता है।
4. सरजाल
सरजाल, सांबा और कठुआ के बहुत नजदीक है। यह जैश के फील्ड ऑपरेशन के लिए तैयार किए गए आतंकियों को भारत में भेजने का प्रमुख लॉन्चिंग बेस रहा है।
5. महमूना
महमूना में हिज़बुल्लाह का ट्रेनिंग कैंप चलाया जा रहा था। यह जगह रणनीतिक दृष्टि से अहम थी क्योंकि सामान्य नागरिक इलाकों के करीब थी और घुसपैठ आसान हो सकती थी।
6. गुलपुर (PoK) – आतंकी लॉजिस्टिक्स हब
गुलपुर LoC के करीब स्थित है और PoJK के भीतर सबसे सक्रिय आतंकी ठिकानों में से एक है। यहाँ पर जैश और लश्कर के कॉमन ऑपरेटिंग बेस हैं जहाँ हथियार जमा किए जाते हैं, आतंकियों की लॉजिस्टिक्स और मूवमेंट की योजना बनाई जाती है। यह इलाका भारत के पुंछ और राजौरी में आए दिन होने वाली आतंकी घटनाओं से जुड़ा हुआ है।
तंगधार सेक्टर से सटी सवाई घाटी LoC के बेहद करीब है। यहाँ आतंकियों को विशेषत: गांदरबल, गुलमर्ग और पहलगाम जैसे पर्यटन स्थलों पर हमला करने के लिए तैयार किया जाता था। हाल में पहलगाम में जो बस पर हमला हुआ, उसकी ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक्स इसी ठिकाने से जुड़े हुए थे।
8. बिलाल (PoK) – घुसपैठ की लॉन्चिंग साइट
बिलाल गांव में जैश का एक स्थायी लॉन्चपैड सक्रिय था जहाँ से प्रशिक्षित आतंकियों को सीमाओं पर भेजा जाता था। यहाँ टेक्निकल और शारीरिक ट्रेनिंग दी जाती थी और बाद में आतंकियों को घुसपैठ के लिए रवाना किया जाता था। भारत के मुताबिक, यह जगह सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 के बाद भी सक्रिय बनी हुई थी।
9. कोटली (PoK) – लश्कर का सुरक्षित ठिकाना
कोटली LoC से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर है और वहाँ लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा बेस था। यहाँ लगभग 50 आतंकी मौजूद थे जो राजौरी और पुंछ में बड़े हमले की योजना बना रहे थे। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, ये आतंकी जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर फिर से हमला करने की फिराक में थे।