बाहुबली रोड की तरफ जाने वाले जिला अस्पताल परिसर में स्थित आयुष विभाग कार्यालय स्थित है। दोनों ही जगह काफी संख्या में मरीज अपना ईलाज कराने आते हैं। कार्यालय में ही बजबजा रही नालियां
जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों के कार्यालय हैं। परिसर में ही नाली में भारी पानी जमा है, जिसमें मच्छर पनप रहे हैं। हैरान करने वाली एक बात यह भी है कि विभाग के कर्मचारी, मरीज के परिजन परिसर के पास बनी नाली में ही खुले में लघुशंका करते हैं। परिसर में अन्य कई जगह पर पानी जमा है। जनपद की 11 लाख आबादी को जागरूक करने वाला चिकित्सा और मलेरिया विभाग खुद जागरूक नहीं है।
कूड़ा और गंदगी से दुर्गंध उठने के साथ इनपर मंडराने वाली मक्खी और मच्छर विभिन्न बीमारियों के कारक होते हैं। इन कूड़े कचरा की ढेर में बढ़ते मच्छरों से मलेरिया के साथ टायफाइड, हेपेटाइटिस बी, पीलिया और पेट से संबंधित बीमारियों की रोकथाम केवल स्वच्छता से ही संभव है। किसी न किसी रूप में जगह-जगह फैली गंदगी पेयजल सप्लाई में मिलने से जलजनित बीमारियां बढ़ती हैं।
नगर पालिका को मैं कई बार पत्र लिख चुका हूं। सफाई का जिम्मा उन्हीं का रहता है। अस्पताल की एजेंसी वार्डों की सफाई करती है।
वीके नावकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल