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टीम को मादा बाघ का एक तिहाई हिस्सा रेत के बाहर एवं शेष दो तिहाई रेत के अंदर मिला है। मृत बाघिन के शव का टाइगर रिजर्व(Pench Tiger Reserve) के फोटो डेटाबेस से मिलान किया गया। जिसमें पता चला है कि यह मादा बाघ है और पहली बार 2016 में वयस्क बाघिन के रूप में कैमरा ट्रैप में पहचानी गई थी। इसे पीएन 42 क्रमांक दिया गया था। 2016 में इसकी उम्र लगभग 2 से 3 साल थी। वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा के नेतृत्व में दल ने बाघिन के शव का परीक्षण किया। पोस्टमार्टम के उपरांतप्रोटोकॉल के अनुसार क्षेत्र पेंच टाइगर रिजर्व के संचालक, उपसंचालक एवं भस्मीकरण समिति के अन्य सदस्यों के समक्ष शव का दाह संस्कार किया गया।
करंट लगाकर बाघिन का शिकार
पेंच टाइगर रिजर्व(Pench Tiger Reserve) में शनिवार को बाघ का क्षत-विक्षत शव मिलने से नियमित गश्ती के दावों की पोल खुल गई है। बीते 5 जनवरी को पेंच टाइगर रिजर्व के मोगली अभ्यारण्य कुरई और ग्राम जीरेवाड़ा की सीमा पर एक बाघिन मृत अवस्था में पाई गई थी। शव परीक्षण करने पर पता चला कि शिकारियों ने करंट लगाकर बाघिन का शिकार किया है। चार दिन बाद 8 जनवरी को डॉग स्क्वायड एवं मुखबिर तंत्र की सहायता से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने जंगली सुअर के शिकार के लालच में करंट बिछाया था। गलती से इसकी चपेट में बाघिन आ गई और विद्युत करंट लगने से उसकी मृत्यु हो गई। आरोपियों ने शव को छुपा दिया था। ये भी पढें
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एक माह में तेंदुआ और बाघ की यह तीसरी मौत है। 3 अप्रेल को पेंच टाइगर रिजर्व के घाटकोहका गांव के पास कुएं में एक तेंदुए का शव मिला था। तेंदुए के सभी अंग सुरक्षित मिले थे। वहीं 19 अप्रेल को गोपालगंज के पास नेशनल हाइवे स्थित बघराज के पास अज्ञात वाहन की चपेट में आने से लगभग तीन वर्षीय तेंदुए की मौत हो गई थी। 20 की सुबह बाघ का क्षत-विक्षत शव सड़क पर पाया गया। अंदेशा जताया गया कि हाइवे को पार करते समय किसी बड़े वाहन की टक्कर से तेंदुए की मौत हो गई। बिसरा फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया।
बाघिन के पंजे एवं दांत उखाड़ने वाले आरोपियों के बारे में अगर किसी को कोई जानकारी मिलती है तो वह पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन के फोन नंबर-7447443015 पर सूचना दे सकते हैं। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा।
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पोस्टमार्टम के दौरान किसी भी प्रकार के जहर खुरानी, करंट या गोली लगने के साक्ष्य शरीर पर नहीं पाए गए। प्रथम दृश्टया प्रतीत होता है कि बाघिन की मृत्यु प्राकृतिक रूप से हुई होगी, लेकिन मृत बाघिन के शव को देखकर वन क्षेत्र में प्रवेश करने वाले कतिपय व्यक्तियों ने उसके चारों पंजे कुल्हाड़ी या अन्य धारदार हथियार से काट लिए एवं तीन केनाइन दांत भी उखाड़ लिए। आरोपियों के बारे में अगर किसी को जानकारी मिलती है तो वह तत्काल सूचना दें। -रजनीश सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी