आवारा खूंखार कुत्तों से शहर का हर व्यक्ति अब परेशान हो गया है। बच्चों का घरों के बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है। इतना ही नहीं दो पहिया वाहन चालकों को भी यह कुत्ते गिराकर घायल कर देते हैं। हालत इतने खराब होते जा रहे हैं कि हर दिन इन कुत्तों से पीडि़त लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
शहर हो या गांव सभी जगह पर कुत्तों का आतंक है। रोजाना डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं। दिन हो या रात हर समय कुत्ते लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। शहर में सबसे ज्यादा कुत्ते विवेकानंद वार्ड, शहीद वार्ड, बारापत्थर, बस स्टैंड, भैरोगंज, छिंदवाड़ा चौक, कटंगी रोड, शुक्रवारी, ज्यारतनाका, राजपूत कॉलोनी, काली चौक, मंगलीपेठ, मठ मंदिर, आजाद वार्ड सहित अन्य क्षेत्रों में नजर आते हैं।
शहर में कुत्तों को पकडऩे के लिए नगर पालिका को जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन विभाग अपना काम नहीं कर रही है। इसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है।
शहर में आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए नसबंदी अभियान चलाया गया था। वह भी बेअसर साबित होता दिख रहा है। नसबंदी अभियान की शुरुआत में दावा किया जा रहा था कि इससे शहरी क्षेत्र में कुत्तों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकेगा। इसके लिए लाखों रुपए खर्च किए गए थे।
जिला अस्पताल से मिले आंकड़े के अनुसार बीते 14 माह में डॉग बाइट के 3100 से अधिक मामले आ चुके हैं। वर्ष 2024 में जनवरी माह में 208, फरवरी में 208, मार्च में 219, अप्रेल में 240, मई में 257, जून में 250, जुलाई में 186, अगस्त में 152, सितम्बर में 156, अक्टूबर में 165, नवंबर में 195, दिसंबर में 235 मामले आए। वहीं जनवरी 2025 में 317 एवं फरवरी में 333 मामले आए।
नगर पालिका लगातार अभियान चलाकर कुत्तों को पकड़ती है। नसबंदी अभियान भी चलाया जाता है। विवेकानंद वार्ड में मैं दिखवाता हूं।
विशाल सिंह मर्सकोले, सीएमओ, नपा, सिवनी