यह हुजूम नेता की सभा का नहीं, बल्कि अपने हक अधिकार और न्याय के लिए स्वयं चलकर सरकार से गुहार लगाने आए लोगों का हैं। सरकार के गलत निर्णय से भयभीत होकर जनता यहां जमा हुई है। इस दौरान वक्ताओं ने स्थानीय विधायक व डॉ. किरोड़ी पर भी निशाना साधा और किसानों के हक के लिए आगे आने की बात कही।
महापंचायत में यह किया निर्णय
डूंगरी बांध रद्द करो, 76 गांव बचाओ आंदोलन समिति से जुड़े मुकेश भूप्रेमी ने बताया कि आगामी एक बैठक ओलवाड़ा के गुवाड़दह घाट पर होगी। इसमें संघर्ष समिति का विस्तार होगा। 15 अगस्त को प्रभावित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में होने वाली ग्रामसभाओं में डूंगरी बांध के विरोध में प्रस्ताव लिया जाएगा। 31 अगस्त को चकेरी में बड़ी महापंचायत होगी। इससे पूर्व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देकर सहयोग मांगेंगे। अगस्त के प्रथम सप्ताह में कानूनी लड़ाई के लिए न्यायालय का रुख करेंगे। सितंबर में तारीख तय कर करौली- सवाईमाधोपुर जिला मुख्यालयों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला कर कलक्टर कार्यालयों का घेराव करेंगे।
दो घण्टे तक नहीं निकल पाए वाहन
मकसुदनपुरा में महापंचायत में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। वाहनों की रेलमपेल से मलारना स्टेशन से मकसूदनपुरा के बीच 4 किलोमीटर इलाके में कई बार जाम भी लगा। वापसी में एक घण्टे तक यातायात चला। इस दौरान पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी।
करौली-सवाईमाधोपुर से पहुंचे लोग
महापंचायत में करौली-सवाईमाधोपुर जिलों के प्रभावित गांवों से आए सर्वसमाज के हजारों किसान पहुंचे और एक स्वर में डूंगरी बांध का विरोध करते हुए कहा कि प्राण दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे। महापंचायत को हुकुम बाई मीना, भीम आर्मी के सोएब खान, नरेश चेची, रामेश्वर डीलर, डॉ. ऋषिकेश मीना सांकड़ा, मुकेश एंडा, मकसूद शेषा, पूर्व विधायक सुरेश करोली, पीआर मीना, मुकुल भढाना, अर्जुन मेहर, प्रधान देवपाल मीना, जवान सिंह मोहचा, गिरजा मीना, अनिल टाटू, आसिफ खलीफा समेत सौ से अधिक वक्ताओं ने संबोधित किया। महापंचायत की अध्यक्षता गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश सिंह गुर्जर मलारना ने की। सभापति रामसहाय हवलदार को बनाया गया।