scriptTigress Machli: सरिस्का की तर्ज पर रणथंभौर में बन रहा बाघिन का स्मारक, जानें ‘मछली’ के जीवन से जुड़ी 10 बड़ी बातें | A memorial of Tigress Machli will be built in Ranthambore | Patrika News
सवाई माधोपुर

Tigress Machli: सरिस्का की तर्ज पर रणथंभौर में बन रहा बाघिन का स्मारक, जानें ‘मछली’ के जीवन से जुड़ी 10 बड़ी बातें

Tigress Machli: सरिस्का की तर्ज पर रणथंम्भौर में भी बाघिन टी-16 यानि मछली के स्मारक का निर्माण किया जा रहा है।

सवाई माधोपुरJul 25, 2025 / 05:10 pm

Anil Prajapat

Tigress-memorial

सरिस्का में बना बाघिन का स्मारक और बाघिन मछली। पत्रिका फाइल फोटो

Ranthambore: सवाईमाधोपुर। सरिस्का की तर्ज पर रणथंम्भौर में भी बाघिन टी-16 यानि मछली के स्मारक का निर्माण किया जा रहा है। वन विभाग की ओर से पूर्व में ही स्मारक निर्माण के लिए स्थान का चिह्नीकरण कर लिया गया था और टेंडर भी किए गए थे। हालांकि अभी स्मारक का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। अभी केवल छतरी का निर्माण हुआ है।
अब जोगी महल गेट के अंदर जल्द छतरी में बाघिन मछली की प्रतिमा भी लगाई जाएगी। विश्व बाघ दिवस के अवसर पर 29 जुलाई को स्मारक का उद्घाटन किया जाएगा। उद्घाटन समारोह में वन मंत्री संजय शर्मा मुख्य अतिथि होंगे।

पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

राजस्थान पत्रिका ने 28 जून के अंक में बेटी का बन गया स्मारक, मां को भूल बैठा विभाग शीर्षक से राजस्थान पत्रिका में खबर प्रकाशित कर मामले को उठाया था।

इनका कहना है

जोगी महल गेट के अंदर छतरी का निर्माण कराया गया है। जल्द ही मछली की प्रतिमा लगाई जाएगी। वन मंत्री संजय शर्मा स्मारक का उद्घाटन करेंगे।
रामानंद भाकर, उपवन संरक्षक, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।

जानें T-16 के जीवन से जुड़ी 10 बड़ी बातें

1. बाघिन टी-16 का नाम मछली इसलिए पड़ा, क्योंकि उसके चेहरे के बाईं ओर मछली के आकार का चिह्न था, यह चिह्न बाघिन ने अपनी मां से विरासत में पाया था।
2. बाघिन मछली को रणथंभौर की लेडी ऑफ द लेक, क्रोकोडाइल किलर और टाइग्रस क्वीन ऑफ रणथंभौर के नाम से भी जाना जाता है।
3. बाघिन ने कुल 11 शावकों को जन्म दिया था। जिनमें से 7 मादा और चार नर शावक है। इनमें से कई रणथंभौर और सरिस्का में बाघों की आबादी बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
4. रणथंभौर में मछली की लोकप्रियता के चलते साल 1998 से 2009 के बीच सरकार को हर साल करीब 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर की आय हुई थी।
5. संरक्षण में योगदान और पर्यटन आकर्षकता के लिए मछली को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया था। साथ ही केंद्र सरकार ने बाघिन मछली के नाम पर डाक टिकट जारी किया था।
6. साल 2003 में मछली ने 14 फीट लंबे मगरमच्छ से मुकाबला किया और उसे मार गिराया था। तब से बाघिन मछली को क्रोकोडाइल किलर के नाम से भी जाना जाने लगा था। हालांकि, इस लड़ाई में बाघिन के दो दांत टूट गए थे।
7. कहा जाता है कि बाघों की औसत उम्र 10–15 साल होती है। लेकिन, मछली 19‑20 साल जीवित रही थी। ऐसे में वह सबसे ज्यादा जीवन जीने वाली बाघिन भी कहलाती है।
8. मछली को दुनिया की सबसे ज्यादा फोटो खिंचवाने वाली बाघिन माना जाता है। बाघिन मछली पर कई डॉक्यूमेंट्री और फिल्म भी बनी है।
9. जीवन के अंतिम क्षणों में बाघिन मछली के सभी दांत टूट गए थे और एक आंख से दिखना तक बंद हो गया था।
10. मछली की मृत्यु 18 अगस्त 2016 को हुई थी। मछली का पारंपरिक हिंदू विधि से अंतिम संस्कार किया गया था।

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