पौधों के बगैर जीवन नहीं प्रीति केसरवानी ने कहा कि जल और जंगलों के कारण ही जमीन जिंदा है। जहां इन दोनों का वजूद नहीं होता, वहां की जमीन भी बंजर हो जाती है। फिर इंसानों से लेकर पशु पक्षियों तक के जीवन पर संकट आ जाता है। पेड़ पौधों से जल की उपस्थिति बनी रहती है और ये दोनों मिलकर जमीन को भी उपजाऊ बनाए रखते हैं। सावन माह में महिलाएं अधिक-अधिक पौधरोपण करें।
ये रही मौजूद कार्यक्रम में जागृति केसरवानी, संध्या केसरवानी, पूजा, नीलम, सुनीला, संगीता, मिनाक्षी, नीता, नीलू, कंचन केसरवानी, राजकुमारी, मीना, अनुराधा व उषा केसरवानी आदि समाज की अन्य महिलाएं उपस्थित रहीं। सभी ने सावन महोत्सव में सावन के गीत गाए। पौधे लेकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।