सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो इन सभी 59 कॉलोनियों में रहने वाले 10 हजार से ज्यादा परिवारों को अगले एक या दो माह में नगर निगम से भवन निर्माण की न केवल अनुमति मिलना शुरु हो जाएगी बल्कि इन कॉलोनियों में विकास के कार्य का रास्ता भी साफ हो जाएगा। वर्षों से यहां के भवन और भूखंडधारी इन सुविधाओं से वंचित रहे हैं। आगामी दिनों में होने वाली मेयर इन काउंसिल की बैठक में इस पर निर्णय हो सकता है। (mp news)
51 कॉलोनियां में 34 करोड़ का खर्च
निगम से मिली जानकारी के अनुसार जिन 58 कॉलोनियों के नक्शे प्रकाशित किए थे। उनमें से 51 में कराए जाने वाले कार्यों के एस्टीमेट तैयार हो चुके हैं। इन कॉलोनियों में करीब 34 करोड़ के खर्च का अनुमान लगाया गया है। शेष सात कॉलोनियों के एस्टीमेट तैयार किए जा रहे हैं जिन पर पांच से सात करोड़ और खर्च का अनुमान है।
यह होगा लोगों को फायदा
अनधिकृत कॉलोनियों को विधिवत रूप से वैध करने के बाद रहवासियों को भवन निर्माण की विधिवत अनुमति मिलना शुरु हो जाएगी। साथ ही उन्हें निगम में शुल्क जमा करके सुविधाएं प्राप्त करने का अधिकार भी मिल जाएगा। सुविधाओं में सडक़, नाली, साफ-सफाई, बिजली-पानी आदि होते हैं जो निगम से उन्हें मिलने लगेंगी।
15 करोड़ रुपए की शासन से उम्मीद
निगम सूत्र बताते हैं कि अनधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्य करवाने के लिए शासन से करीब 15 करोड़ का फंड जुटाने की उम्मीद है। यह राशि संभवत: अगले माह तक राज्य सरकार की तरफ से नगर निगम को मिल जाएगी। इसके लिए महापौर प्रहलाद पटेल और कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप ने विशेष प्रयास किए हैं।
एमआईसी से पारित कर शासन को भेजेंगे
अनधिकृत कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया चल रही है। सभी का एस्टीमेट बनने के बाद इन्हें एमआईसी से वैध करने का प्रस्ताव पास करने के बाद प्रस्ताव को शासन को भेजेंगे। जो आपत्तियां आई हैं उनका निराकरण किया जा रहा है। आपत्तियों ज्यादा दमदार नहीं होने से जल्द ही निराकृत कर दी जाएंगी। शासन से हमने कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप के माध्यम से इन कॉलोनियों के विकास के लिए राशि की मांग भी की है।- प्रहलाद पटेल, महापौर, रतलाम
सामने आई ये आपत्तियां
अनधिकृत कॉलोनियों के नक्शों के प्रकाशन के बाद 15 दिन की समयावधि में दावे-आपत्तियां मंगाई गई थी। 16-17 जुलाई को इसकी अवधि खत्म होने के बाद मात्र तीन लोगों ने तीन अलग-अलग कॉलोनियों को लेकर अपनी आपत्तियां दर्ज कराई है। निगम सूत्रों के अनुसार ये आपत्तियां बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है। शिवशक्ति नगर कॉलोनी के नक्शे पर मनीष सुरेखा नामक व्यक्ति ने आपत्ति लेते हुए कहा कि जो जमीन इसमें दर्शाई गई है वह उनकी निजी जमीन है। तिरुपति नगर के नक्शे पर एक आपत्ति आई कि इसमें आठ मकान शामिल नहीं किए। इन्हें शामिल कर लिए जाएं तो इन्हें भी इस सुविधा का लाभ मिले।