राजसमंद. सावन की झमाझम बारिश ने जहां खेतों और बाग-बगीचों में हरियाली फैलाई है, वहीं दूसरी तरफ जिलेभर में मौसमी बीमारियों का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। हालात यह हैं कि राजसमंद के आरके राजकीय चिकित्सालय समेत विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की कतारें लग रही हैं। रोजाना ओपीडी में एक हजार से लेकर 1800 मरीज तक इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं, भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी प्रतिदिन 40 से 70 के बीच बनी हुई है। चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 21 जुलाई तक ओपीडी में मरीजों का आंकड़ा 491 से बढ़कर 1855 तक पहुंचा है। इसी अवधि में आईपीडी में भर्ती मरीजों की संख्या भी 37 से लेकर 71 तक रही। चिकित्सकों का कहना है कि लगातार हो रही बारिश और उसके बाद बढ़ता जलभराव बीमारियों को न्योता दे रहा है।
अस्पतालों में सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। इसके अलावा पेट दर्द, उल्टी-दस्त और वायरल संक्रमण के मरीज भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। राहत की बात यह है कि अभी तक डेंगू और स्क्रबटाइफस जैसे गंभीर मामलों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन जलभराव के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ा तो खतरा बढ़ सकता है।
मरीजों की संख्या क्यों बढ़ रही है?
विशेषज्ञों के अनुसार, सावन की बारिश में कॉलोनियों और घरों के आसपास पानी जमा होने से मच्छरों को पनपने का अवसर मिल रहा है। वहीं, दिन में उमस और रात में हल्की ठंडक से वायरल बुखार और फ्लू जैसे रोगों का संक्रमण बढ़ रहा है। इसके अलावा नालियों और आसपास की साफ-सफाई में लापरवाही भी बीमारियों को बढ़ावा दे रही है।
ऐसे रखें खुद को सुरक्षित
चिकित्सकों ने आमजन से अपील की है कि मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए कुछ जरूरी सावधानियां जरूर अपनाएं:
घर के आसपास पानी जमा न होने दें। कूलर, गमलों और पानी की टंकियों का पानी हर 24 घंटे में बदलें।
मच्छरदानी और रिपेलेंट का उपयोग करें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और दिन में भी मच्छर भगाने वाले साधन इस्तेमाल करें।
उबला हुआ पानी पिएं। बारिश के दिनों में जलस्रोत दूषित होने की संभावना रहती है।
खुले में रखा खाना न खाएं। सड़क किनारे कटे फल या खुले खाद्य पदार्थ से परहेज करें।
गीले कपड़े तुरंत बदलें। बारिश में भीगने पर कपड़े बदलें, ताकि ठंड लगने या वायरल संक्रमण से बचाव हो सके।
लक्षण दिखते ही डॉक्टर से मिलें। बुखार, खांसी या उल्टी-दस्त जैसे लक्षण नजर आएं तो खुद दवा लेने के बजाय डॉक्टर की सलाह लें।
चिकित्सकों की चेतावनी
आरके चिकित्सालय के पीएमओ डॉ. रमेश रजक ने बताया कि मौसमी बीमारियों का असर लगातार बढ़ रहा है। अस्पताल में रोजाना मरीजों की लंबी कतारें लग रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग साफ-सफाई पर पूरा ध्यान दें और घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। उन्होंने कहा कि डेंगू और स्क्रबटाइफस जैसे रोगों की पहचान शुरुआती दौर में कठिन होती है, इसलिए थोड़े भी लक्षण नजर आएं तो तुरंत अस्पताल आएं और समय पर जांच कराएं।
एक से 21 जुलाई तक ओपीडी – आईपीडी विवरण
क्रमांक
ओपीडी मरीज
आईपीडी मरीज
1
1522
59
2
850
57
3
1407
64
4
1255
54
5
1259
63
6
578
46
7
1855
63
8
1466
54
9
1392
52
10
1382
69
11
1345
59
12
1317
46
13
491
45
14
1124
62
15
1767
60
16
1524
70
17
1469
63
18
986
57
19
884
53
20
613
37
21
1668
71
इन आंकड़ों से साफ है कि सावन की बारिश राहत के साथ-साथ बीमारियां भी लेकर आई है। ऐसे में सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।
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