जिला कलेक्टर के सख्त निर्देश पर यह कार्य 22 जुलाई 2025 को युद्धस्तर पर शुरू हुआ। आदेश साफ था- तालेड़ी नदी को साफ करो, गहराई बढ़ाओ और पानी की निकासी का रास्ता खोलो, ताकि आसपास की कॉलोनियों, खेतों और सड़कों पर जो पानी जमा हो गया है, वह बेरोकटोक बह सके। ‘ऑपरेशनतालेड़ी’ का आगाज़ सभापति अशोक टांक, आयुक्त बृजेश राय, अधिशासी अभियंता तरुण कुमार बायती, सहायक अभियंता नंदलाल सुथार और मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक गिरिराज गर्ग की मौजूदगी में हुआ। टीवीएस चौराहे से भारी पोकलेन मशीनें गरज उठीं, बेकहोलोडर और चार ट्रैक्टरों ने मोर्चा संभाला और नदी में जमा मिट्टी, कचरा, झाड़-झंखाड़ को उखाड़ फेंका जाने लगा।
नगर परिषद अधिकारियों के मुताबिक पहले दिन से ही इसका असर दिखने लगा। जिन खेतों और कॉलोनियों में घुटनों तक पानी भरा था, वहां जलस्तर धीरे-धीरे कम होने लगा है। राहत की सांस ले रहे लोग अब उम्मीद जता रहे हैं कि जल्द ही उनका इलाका पूरी तरह सूख जाएगा और जीवन पटरी पर लौट आएगा। नगर परिषद ने भरोसा दिलाया है कि ये अभियान एक-दो दिन का नहीं, बल्कि तालेड़ी नदी के हर उस हिस्से तक पहुंचेगा, जहां गाद और गंदगी ने पानी के बहाव को रोक रखा है। अगले चरण में नदी के बाकी हिस्सों को भी पोकलेन मशीनों से चीर कर साफ किया जाएगा।
गौरतलब है कि बीते दिनों हुई जोरदार बारिश के कारण तालेड़ी नदी का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर फैल गया था। कई जगहों पर नाले उफन पड़े, रास्ते बंद हो गए और कॉलोनियों में घरों तक पानी घुस गया। इस अव्यवस्था पर जिला कलेक्टर ने तुरंत संज्ञान लिया और नगर परिषद को चेताया कि वक्त रहते कुछ नहीं किया तो हालात और बिगड़ जाएंगे। अब प्रशासन की इस मुहिम से उम्मीद बंधी है कि अगली बारिश में राजसमंद के बाशिंदों को कम से कम पानी की परेशानी से राहत जरूर मिलेगी। स्थानीय लोगों ने भी नगर परिषद के इस कदम की सराहना की है और अपील की है कि तालेड़ी नदी को हमेशा इसी तरह साफ-सुथरा रखा जाए, ताकि जलभराव का संकट भविष्य में दोबारा सिर न उठाए।