शराब निर्माता कंपनियां पहले इन लाइसेंसी कंपनियों को शराब सप्लाई करती थी। फिर उस कीमत पर 10 फीसदी का मार्जिन जोड़कर यह कंपनियां आबकारी विभाग के सीएसएमसीएल को शराब बेचती थी। इसके जरिए 10 फीसदी अतिरिक्त लाभ कंपनियों को मिल रहा था। इसका 60 फीसदी हिस्सा सिंडीकेट और 40 फीसदी हिस्सा कंपनी खुद रखती थी। इसके चलते राज्य सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ।
गिरफ्तार किए गए आरोपी वसूली के हिस्से का 60 फीसदी खुद रखने के बाद सिंडीकेट के प्रमुख अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा तथा अन्य लोगों तक पहुंचाते थे। इसके संबंध में पूछताछ कर बयान लिया गया है। साथ ही मिली जानकारी के अनुसार प्रकरण की अग्रिम विवेचना चल रही है। इसे देखते हुए तीनों को न्यायिक रिमांड पर भेजने का अनुरोध किया।
बता दें कि मनीष और अभिषेक नेक्स्टजेन कंपनी के नाम से शराब की सप्लाई और अभिषेक सिंह इसी प्रकरण में जेल भेजे गए अरविंद सिंह का भतीजा है। वहीं
कस्टम मिलिंग घोटाले में गिरफ्तार किए गए नवनीत तिवारी को 6 अगस्त तक के लिए जेल भेज दिया गया है। ईओडब्ल्यू ने पूछताछ करने के बाद विशेष न्यायाधीश कि अदालत में पेश किया।
साथ ही अदालत को बताया कि इस प्रकरण की जांच चल रही है। इसे देखते हुए न्यायिक रिमांड की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया। इस घोटाले में जेल भेजे गए सूर्यकांत तिवारी ने अपने भाई नवनीत को कोरबा और रायगढ़ में कोयला की अवैध वसूली का काम दिया गया था। जहां 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से वसूली करने के इनपुट मिले हैं।
इसी प्रकरण में पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, मार्कफेड के तत्कालीन एमडी मनोज सोनी और राइस मिल एसोसिएशन के तत्कालीन कोषाष्यक्ष के रूटीन पेशी की सुनवाई 23 अगस्त को होगी। बता दें कि इस प्रकरण में मनोज और रोशन को जमानत मिल चुकी है।
कोयला घोटाले की सुनवाई 23 को ईडी के विशेष न्यायाधीश की अदालत में कोयला घोटाले की रूटीन सुनवाई 23 अगस्त को होगी। शनिवार को ईडी के विशेष न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने न्यायधीश को बताया कि इस समय कोयला घोटाला प्रकरण की जांच चल रही है। इसे देखते हुए सुनवाई को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया। जिसे न्यायाधीश ने स्वीकार करते हुए सभी की रिमांड पेशी को आगे बढ़ा दिया।