तापमान में गिरावट से दिल्ली में खुशनुमा हुआ मौसम
मौसम विभाग के लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जो औसत तापमान से 0.5 डिग्री कम है। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार और शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। इस दौरान अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। IMD के मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो इस समय दिल्ली में न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 से 3 डिग्री नीचे बना हुआ है। जबकि अधिकतम तापमान भी सामान्य से 3 से 5 डिग्री सेल्सियस लुढ़का है। इसके चलते चिलचिलाती गर्मी से राहत मिली है। मौसम विभाग ने गुरुवार को चेतावनी दी है कि अगले दो दिनों तक दिल्ली-एनसीआर में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों को परेशानी हो सकती है। इसलिए मौसम विभाग ने तेज हवा चलने और बारिश के बीच सुरक्षित रहने की सलाह भी दी है।
शनिवार से सोमवार तक कैसा रहेगा मौसम?
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह की मानें तो राष्ट्रीय राजधानी और एनसीआर में शनिवार से लेकर सोमवार तक मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान आसमान में बादल छाए रहेंगे और लगभग 30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने की संभावना है। हालांकि इन दिनों में तापमान में भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक दिल्ली-एनसीआर में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
सप्ताह के मध्य में आंशिक बादल, बारिश की उम्मीद नहीं
मंगलवार और बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की उम्मीद है। इन दो दिनों में तेज हवाएं या बारिश की कोई संभावना नहीं है। हालांकि अधिकतम तापमान में लगभग एक डिग्री की गिरावट दर्ज की जा सकती है, जबकि न्यूनतम तापमान स्थिर रहने की संभावना है।
वायु गुणवत्ता रही ‘मध्यम’ श्रेणी में
बढ़ते तापमान और मौसमी बदलावों के बीच वायु गुणवत्ता को लेकर भी राहत भरी खबर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, गुरुवार सुबह 9 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 157 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है। सीपीसीबी की माने तो 101 से 200 के बीच AQI को ‘मध्यम’ श्रेणी में रखा जाता है, जिसमें संवेदनशील लोगों को कुछ परेशानी हो सकती है, लेकिन सामान्य जनमानस के लिए यह स्तर अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है।