अदालत ने जारी किया था लुकआउट नोटिस
दिल्ली पुलिस के अनुसार, आरोपी आलम को 28 फरवरी 2023 को एक अदालत से अंतरिम जमानत मिली थी। लेकिन उसने इसका दुरुपयोग किया और जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर दोबारा फरार हो गया। इसके बाद दिल्ली की एक अदालत ने उसे दिसंबर 2023 में भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया। इसी बीच छह मई 2025 को पुलिस को सूचना मिली कि आलम श्रमिक एक्सप्रेस में सफर कर रहा है। जो मध्यप्रदेश के इटारसी स्टेशन से गुजरने वाली थी। सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस की एक टीम ने तुरंत हरकत में आते हुए एक विशेष तलाशी अभियान की योजना बनाई। टीम इटारसी पहुंची और वहीं से ट्रेन में सवार हो गई। 20 घंटे तक 11 सौ किलाेमीटर के सफर के बाद मिली सफलता
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, चलती हुई ट्रेन में तलाशी अभियान लगभग तीन से चार घंटे तक चला। इस दौरान हर कोच की बारीकी से छानबीन की गई। सावधानीपूर्वक योजना और मजबूत समन्वय के तहत संचालित इस ऑपरेशन के अंत में आरोपी आलम को जलगांव जंक्शन पर गिरफ्तार कर लिया गया। यह अभियान लगभग 20 घंटे चला, जिसमें टीम ने 1,100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की।
कई सालों से पहचान बदल रहा था आरोपी
पूछताछ में सामने आया है कि पिछले कुछ सालों में आरोपी आलम ने अपनी पहचान कई बार बदली। उसने अपने हुलिए, ठिकानों और मोबाइल नंबरों को बार-बार बदला ताकि पुलिस से बचा रह सके। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह बिहार, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में लगातार घूमता रहा। पुलिस को उसके कई पते मिले हैं, जो उसकी सतर्कता को दर्शाते हैं।
गुजरात के वलसाड जा रहा था आरोपी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब उसे गिरफ्तार किया गया, उस समय वह गुजरात के वलसाड की ओर जा रहा था। उसके खिलाफ कार्रवाई में दिल्ली पुलिस की टीम ने महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से उसे एक स्थानीय अदालत में पेश किया। इसके बाद उसे दिल्ली लाया गया है। दिल्ली पुलिस ने आलम की गिरफ्तारी की सूचना बिहार पुलिस को भी दे दी है। अधिकारियों के अनुसार, आगे की जांच अभी जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि आरोपी ने और किन अपराधों को अंजाम दिया है या किन लोगों की मदद से वह फरार रहने में सफल रहा।