‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर महिला ने शेयर किया विवादित पोस्ट
मुंबई के मलाड इलाके में मालवणी की रहने वाली सलमा रफीक खान (उम्र 40 वर्ष) एक ब्यूटी पार्लर चलाती हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने व्हाट्सऐप स्टेटस पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक विवादित और आपत्तिजनक पोस्ट साझा की थी। पोस्ट में सरकार के फैसले को “बिना सोचे-समझे” बताया गया और लिखा गया कि “ऐसे निर्णयों की कीमत निर्दोष लोगों को चुकानी पड़ती है”। इसके अलावा, पोस्ट में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर एक अश्लील शब्द का भी प्रयोग किया गया था, जिससे यह मामला और संवेदनशील बन गया।पुलिस ने महिला को जारी किया नोटिस
पोस्ट की जानकारी मिलते ही मालवणी पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 353 तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने महिला को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए तलब किया है।Operation Sindoor: सैन्य और कूटनीतिक दोनों मोर्चों पर भारत की जीत, जीरो टॉलरेंस नीति के ये 7 सबूत
FIR दर्ज करने की वजह
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, महिला द्वारा साझा की गई पोस्ट न केवल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की आलोचना करती है, बल्कि देश की सुरक्षा नीति और सैन्य कार्रवाई को लेकर गलत संदेश भी फैलाती है। पोस्ट को देखते हुए यह मामला सार्वजनिक शांति भंग करने, अफवाह फैलाने और सेना की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की मंशा से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है।ऑपरेशन सिंदूर: क्या है अभियान?
भारतीय सेना द्वारा चलाया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मंशा से शुरू किया गया था। कर्नल सोफिया कुरैशी के नेतृत्व में इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी शिविरों को नष्ट किया गया।भारत की कार्रवाई से पाक एयर डिफेंस तबाह, हमले के काबिल नहीं बची पाक वायुसेना
कर्नल कुरैशी के अनुसार, मुजफ्फराबाद के सवाई नाला कैंप, जो कि लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र था, से लेकर अन्य ठिकानों तक को सटीक रूप से निशाना बनाया गया। ये वे ही स्थान थे जहां से सोनमर्ग (20 अक्टूबर 2024), गुलमर्ग (24 अक्टूबर 2024) और पहलगाम (22 अप्रैल 2025) हमलों में शामिल आतंकियों को प्रशिक्षित किया गया था।