जम्मू-कश्मीर और पंजाब में तनाव
ऑपरेशन के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का निर्णय संभावित जवाबी कार्रवाई या तनाव को देखते हुए लिया गया। उधर, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और आपातकाल की स्थिति घोषित की गई है। बहावलपुर, जो JeM सरगना मसूद अजहर का गृहनगर और LeT प्रमुख हाफिज सईद का सुरक्षित ठिकाना है, वहां विशेष रूप से तनाव का माहौल है।
ऑपरेशन सिंदूर: नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला
भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 7 मई की तड़के एक समन्वित कार्रवाई में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें से चार ठिकाने पाकिस्तान के बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट में थे, जबकि पांच PoK में स्थित थे। भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने विशेष प्रेसिजन म्यूनिशन्स का उपयोग कर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी रात इस ऑपरेशन की बारीकी से निगरानी की। रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक बयान के अनुसार, “भारतीय सेना ने उन आतंकी ढांचों को निशाना बनाया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाई और संचालित की जाती थी।” सभी नौ लक्ष्यों पर हमले सफल रहे। भारतीय बलों ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाया, जो भारत में आतंकी गतिविधियों को प्रायोजित करते हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा, “हमारी कार्रवाई केंद्रित, संयमित और गैर-उत्तेजक थी। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया। भारत ने लक्ष्य चयन और कार्रवाई के तरीके में उल्लेखनीय संयम बरता।”
पहलगाम हमले का जवाब
यह सैन्य कार्रवाई पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। सरकार ने कहा कि वह इस हमले के जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए प्रतिबद्ध है। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल भारत की सैन्य ताकत और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर अडिग है।
भारत का संदेश: आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत के आतंकवाद के प्रति सख्त रवैये का प्रतीक है। यह कार्रवाई न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की भारत की क्षमता को दर्शाती है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि आतंकवाद को पनाह देने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के पंजाब में उत्पन्न तनाव इस ऑपरेशन के व्यापक प्रभाव को दर्शाता है, जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए एक निर्णायक कदम है।