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रायपुर

Toll Plaza: निशुल्क लेन में वसूली का खेल, ऑटोमेटिक कैमरे लगाकर फास्टैग के जरिए लूट

छत्तीसगढ़ प्रदेश के टोल प्लाजा ( toll plazas in Chhattisgarh) में वाहन चालकों और मालिकों (Drivers and owners ) की रोजाना जेब काट कट रही है। निशुल्क लेन (free lane) से गुजरने के बाद भी फास्टैग के जरिए टोल की वसूली हो रही है। इसकी जानकारी वहां से गुजरने वालों तक नहीं हो पाती।

रायपुरMay 07, 2025 / 06:33 pm

Rabindra Rai

Toll Plaza: निशुल्क लेन में वसूली का खेल, ऑटोमेटिक कैमरे लगाकर फास्टैग के जरिए लूट

Toll Plaza: निशुल्क लेन में वसूली का खेल, ऑटोमेटिक कैमरे लगाकर फास्टैग के जरिए लूट

हजारों रुपए की वसूली कर रहे हैं संचालक

टोल कटने के करीब घंटों बाद मैसेज आने के कारण कई किमी दूर निकलने के कारण वाहन मालिक टोल की रकम लेने वापस नहीं आती। इसके लिए टोल प्लाजा संचालकों द्वारा इस तरह का सॉफ्टवेयर लगाया गया है कि मैसेज विलंब से डिलिवर होता है। इस खेल के चलते रोजाना टोल प्लाजा संचालक हजारों रुपए की वसूली कर रहे हैं।

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अवैध वसूली को उजागर किया

लखनऊ की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा 23 जनवरी 2025 को दुर्ग जिले के कुम्हारी, सिमगा के भोजपुरी, सूरजपुर के महराजपुर और कवर्धा में मुदियापारा टोल प्लाजा में फर्जीवाड़े के जानकारी मिली थी। सॉफ्टवेयर के जरिए वसूली का खेल बिना फास्टैग वाले वाहनों से दोगुना टोल वसूलने और 50 फीसदी राशि अपने खाते में जमा की सनसनीखेज जानकारी मिली थी। यह खेल सॉफ्टवेयर इंस्टाल के जरिए टोल पर्ची जनरेट कर वाहन चालकों से वसूली हो रही थी। इसके बाद भी आज तक किसी भी टोल नाके की जांच तक नहीं की गई है। बता दें कि एसटीएफ की टीम ने यूपी के अतरैला स्थित शिव गुलाम टोल प्लाजा लालगंज मीरजापुर में छापा मारकर अवैध वसूली को उजागर किया था। इसकी प्राथमिक जांच के दौरान पता चला कि देशभर के 200 से ज्यादा टोल प्लाजा इस खेल में शामिल है।

25 से लेकर 35 रुपए तक की वसूली

केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, टोल नाका से 20 किमी के दायरे में रहने वाले निजी वाहन से कोई शुल्क नहीं लिया जाना है। नियमानुसार सर्विस लेन (टोल फ्री मार्ग) में बिना फास्ट टैग वाले वाहन से शुल्क नहीं लिया जाना है, लेकिन इस लेन से गुजरने पर ऑटोमेटिक कैमरे से फास्टैग के जरिए कार चालकों से 25 से लेकर 35 रुपए तक की वसूली हो रही है। जबकि उक्त वाहनों के लिए अलग से लेन बनाई गई है। जहां वाहन से किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाना है। बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) देशभर के टोल टैक्स का प्रबंधन, संग्रहण और पर्यवेक्षण का काम करता है।

24 घंटे में छूट का प्रावधान

केंद्रीय मोटरयान अधिनियम के तहत बिना परमिट वाले निजी यात्री बसों के दूसरे राज्य में जाने पर अस्थायी टैक्स लिया जाता है। यह नियमानुसार 30 दिन के लिए जारी किया जाता है। 1 तारीख को बनाने पर उसकी अवधि 30 की रात 12 बजे तक वैध रहती है। वहीं, 29 को बनाने पर भी 30 तक ही वैधता रहती है। इस अवधि में वह आना जाना कर सकता है। वहीं, दूसरी तरफ एक बार टोल नाका में टैक्स देने के बाद कुछ घंटों के भीतर वापस लौटने पर किसी भी तरह का छूट नहीं मिलती। बता दें कि कुम्हारी टोल नाका में सुंदर नगर निवासी श्याम कश्यप से 31 मार्च एवं 7 अप्रैल 2025 की शाम 25 रुपए टोल लिया गया। वहीं, कुछ घंटों के बाद वापस आने पर फिर 25 रुपए और 5 नवंबर 2024 को इसी तरह फिर वसूली की गई। जबकि उक्त वाहन रायपुर आरटीओ में सीजी04 के नाम पंजीकृत है।

हो चुका है विवाद

कुम्हारी टोल प्लाजा में निजी वाहनों से अतिरिक्त शुल्क लिए जाने को लेकर कई बार विवाद हो चुका है। निर्धारित शुल्क से ज्यादा लिए जाने की शिकायत मिलने पर एनएचएआई द्वारा कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई थी। इसके बाद कुछ समय तक यह खेल यथावत चल रहा है। इसकी शिकायत मिलने पर दर्जनों वाहन चालकों द्वारा मैसेज सहित इसका ब्यौरा दिया गया। हालांकि एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि इसकी जांच कर गड़बडिय़ों को दूर किया जाएगा। साथ ही किसी भी तरह की परेशानी होने पर विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने कहा है।

बस चालकों से वसूली

बस मालिकों का कहना है कि सिमगा स्थित टोल प्लाजा में जानबूझकर फास्टैग को खराब बताकर ऑफलाइन वसूली चल रही है। नकद लेने के बाद भी इसकी पर्ची नहीं मिलती। बता दें कि एसटीएफ यूपी द्वारा गिरफ्तार किए गए आलोक कुमार सिंह ने पूछताछ के दौरान देशभर के 42 टोल प्लाजा सहित छत्तीसगढ़ के 4 टोल प्लाजा की पोल खोली थी।

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