इसके साथ, जगदीप धनखड़ को तुरंत सरकारी आवास खाली करने का आदेश दिया गया है। दरअसल, यह दावे झूठे हैं। भारत सरकार की नोडल एजेंसी पीआईबी ने इन दावों पर फैक्ट चेक किया है और असली बात को उजागर किया है।
प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सरकारी आवास को सील करने के संबंध में सोशल मीडिया पर वायरल किसी भी दावे का खंडन किया है। उसने बताया है कि पूर्व उपराष्ट्रपति को तुरंत अपना आवास खाली करने के लिए नहीं कहा गया है।
पीआईबी ने क्या कहा?
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर कहा कि सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से दावा किया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति के सरकारी आवास को सील कर दिया गया है और पूर्व उपराष्ट्रपति को तुरंत अपना आवास खाली करने के लिए कहा गया है। ये दावे झूठे हैं। गलत सूचना के झांसे में न आएं। किसी भी खबर को शेयर करने से पहले हमेशा आधिकारिक स्रोतों से उसकी पुष्टि करें।
कांग्रेस और विपक्ष ने उठाए सवाल
सोमवार को धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। अब चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। गौरतलब है कि धनखड़ के कार्यकाल समाप्त होने से दो साल पहले अचानक इस्तीफा देने पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं।
पार्टी ने आरोप लगाया है कि पूर्व उपराष्ट्रपति को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया और वह केंद्र से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांग रही है। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को इस्तीफे पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि इस फैसले में कुछ गड़बड़ है।
खड़गे ने कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया। मुझे समझ आ रहा है कि दाल में कुछ काला है। उनका स्वास्थ्य ठीक है। वह हमेशा आरएसएस और भाजपा का बचाव करते थे। उनके इस्तीफे के पीछे कौन और क्या है, यह देश को पता होना चाहिए।