महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने खुद पुष्टि कि की योजना के तहत 26 लाख 34 हजार लाभार्थियों को विभिन्न कारणों से अपात्र घोषित किया गया। आवेदनों की जांच में यह भी सामने आया कि कई जगह पुरुषों ने भी इस योजना के लिए आवेदन कर लाभ प्राप्त कर लिया।
इस खुलासे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने सरकार पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस योजना में पहले ही चरण में 4800 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।
बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने सवाल उठाते हुए कहा, जब किसानों के फसल बीमा का फॉर्म रिजेक्ट हो जाते हैं, छात्रों के स्कॉलरशिप फॉर्म खारिज हो जाते हैं, आयुष्मान योजना में मरीजों को लाभ नहीं मिल पाता, तो लाडकी बहीन योजना में पुरुषों के फॉर्म कैसे मंजूर हो गए?
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव से ठीक तीन महीने पहले इस योजना के तहत जितने फॉर्म अब रिजेक्ट किए गए हैं, उन्हें पहले क्यों नहीं रिजेक्ट किया गया? यह अगर घोटाला नहीं है, तो फिर क्या है?
एनसीपी के संस्थापक शरद पवार की बेटी सुले ने आरोप लगाया कि इस योजना की वजह से राज्य सरकार की आर्थिक हालत पर असर पड़ा है, और खुद सरकार के मंत्री यह स्वीकार कर रहे है, अन्य योजनाओं के फंड में कटौती की जा रही है।
SIT जांच की मांग
उन्होंने सरकार से विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की मांग करते हुए कहा कि अगर अभी 4800 करोड़ का भ्रष्टाचार सामने आया है, तो आगे और कितने नाम सामने आएंगे?
2.25 करोड़ पात्र लाभार्थियों को मिला पैसा
इससे पहले मंत्री अदिति तटकरे ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया था कि आवेदनों की जांच में सामने आया है कि कुछ लाभार्थी एक से अधिक योजनाओं का लाभ ले रहे थे, कुछ परिवारों में दो से अधिक लाभार्थी पाए गए, और कुछ स्थानों पर पुरुषों द्वारा आवेदन किए जाने की बातें भी सामने आई हैं। इस जानकारी के आधार पर जून 2025 से इन 26.34 लाख आवेदकों का लाभ अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, करीब 2.25 करोड़ पात्र लाभार्थियों को जून 2025 माह की सम्मान निधि वितरित कर दी गई है।
कानूनी कार्रवाई की तैयारी
उन्होंने आगे बताया, जिन 26.34 लाख लाभार्थियों का लाभ अस्थायी रूप से रोका गया है, उनकी जानकारी संबंधित जिलाधिकारियों के माध्यम से दोबारा जांची जाएगी, और जो लाभार्थी पात्र पाए जाएंगे, उन्हें फिर से योजना का लाभ शुरू किया जाएगा। वहीँ, इस योजना में सरकार को गुमराह कर फर्जी तरीके से लाभ लेने वाले लाभार्थियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए, इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ चर्चा कर उचित निर्णय लिया जाएगा। इस पूरे प्रकरण ने लाडकी बहिन योजना की पारदर्शिता और क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने इसे चुनावी स्टंट करार देते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है। अब देखना होगा कि महाराष्ट्र सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।
जुलाई की किस्त कब आएगी?
पात्र महिला लाभार्थियों के बैंक खाते में जुलाई माह की 1500 रुपये की 13वीं किस्त कब जमा की जाएगी, इसको लेकर सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी है। लेकिन जुलाई का लाभ अगस्त के पहले सप्ताह तक लाडली बहनों के खाते में भेजा जा सकता है।