दुकान हटाए जाने से टूट गए चेतन
कृषि उत्पादन मंडी समिति, मझोला में मंगलवार को प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए तीन बुलडोजर लगाकर कार्रवाई की थी। यह कार्रवाई मंडी सचिव संजीव कुमार से मारपीट की घटना के बाद हुई। बुलडोजर की इस कार्रवाई में कई दुकानों के टिनशेड और अवैध निर्माण हटाए गए, जिसमें चेतन सैनी की दुकान भी शामिल थी। चेतन इस कार्रवाई से बेहद व्यथित हो गए थे।
रात को छत से कूदकर दी जान
मंगलवार देर रात चेतन सैनी ने मानसिक तनाव में आकर अपने घर की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। जैसे ही स्वजन को जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। इस घटना से न सिर्फ परिवार बल्कि पूरा व्यापारी वर्ग और भाजपा कार्यकर्ता भी स्तब्ध हैं।
20 साल पुरानी थी दुकान, पिता के नाम पर थी रजिस्टर्ड
चेतन सैनी और उनके छोटे भाई गजेंद्र सिंह, जो भाजपा मंडल उपाध्यक्ष हैं, हुकुम सिंह एंड कंपनी के नाम से फल व्यवसाय कर रहे थे। यह दुकान चेतन के पिता के नाम पर थी और पिछले दो दशकों से संचालित हो रही थी। लंबे समय से यहां व्यापार कर रहे चेतन को अचानक इस कार्रवाई से गहरा सदमा पहुंचा, जिससे उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठा लिया।
पुलिस ने शुरू की जांच, भाजपा नेताओं ने जताया दुख
घटना की जानकारी मिलते ही एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह समेत कई अधिकारी और भाजपा के स्थानीय नेता चेतन सैनी के आवास पर पहुंचे। पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस घटना को “प्रशासनिक क्रूरता” बताया है और कार्रवाई की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं।
सवालों के घेरे में प्रशासनिक कार्रवाई
इस आत्महत्या की घटना ने प्रशासनिक कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या चेतन सैनी को मानसिक स्वास्थ्य सहयोग मिल सकता था? क्या दुकान हटाने से पहले समुचित नोटिस और विकल्प दिए गए थे? अब यह जांच का विषय है।