क्या है पूरा मामला?
मुरादाबाद के पीतल नगरी निवासी सुमित कुमार ने कटघर थाना पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वर्ष 2014 में योगेंद्र सिंह राणा ने उससे प्रॉपर्टी के कारोबार में साझेदारी का झांसा देकर 9 लाख रुपये लिए थे। राणा ने उसे पार्टनर बनाने का वादा किया था, लेकिन न तो किसी व्यापार में हिस्सेदारी दी और न ही पूरी रकम लौटाई। पीड़ित सुमित का आरोप है कि राणा ने अब तक सिर्फ 2 लाख रुपये लौटाए हैं और बाकी 7 लाख रुपये की मांग करने पर टालमटोल करते रहे। जब दबाव डाला गया तो मामला हाथापाई तक पहुंच गया।
रिवॉल्वर तानकर दी धमकी
सुमित कुमार के अनुसार, 1 जून 2024 को बुद्धि विहार स्थित भाजपा कार्यालय के बाहर उसकी मुलाकात योगेंद्र राणा से हुई। जब उसने अपने पैसे की मांग की तो राणा ने न सिर्फ गालियां दीं, बल्कि अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर निकालकर धमकी दी कि अगर दोबारा पैसे मांगे तो गोली मार देगा। सुमित का यह भी आरोप है कि योगेंद्र राणा अपने राजनीतिक रसूख और दबंग छवि का गलत इस्तेमाल करके आम लोगों को डराने और धमकाने का काम करता है। उन्होंने यह भी कहा कि राणा का व्यवहार पहले दिन से ही घमंडी और गैरजिम्मेदार रहा है।
पहले भी दर्ज हो चुकी है FIR
गौरतलब है कि यह योगेंद्र सिंह राणा के खिलाफ पिछले एक सप्ताह में दर्ज की गई दूसरी एफआईआर है। इससे पहले, कैराना की सपा सांसद इकरा हसन पर अमर्यादित और अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर उनके खिलाफ एक महिला अधिवक्ता ने मझोला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। उस टिप्पणी में राणा ने कहा था “मुझे इकरा हसन से निकाह कबूल है, वो भी कबूल करें। वह मेरे घर में मुस्लिम बनकर रह सकती हैं। शर्त यह है कि असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी मुझे जीजा कहकर बुलाएं।” इस बयान की राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर तीखी आलोचना हुई थी।
पुलिस ने दर्ज किया केस, जांच जारी
थाना कटघर प्रभारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि सुमित कुमार की लिखित शिकायत पर योगेंद्र सिंह राणा के खिलाफ IPC की संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है, और तथ्यों की पुष्टि के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।