पुत्र वियोग में महाराज दशरथ ने प्राण त्याग दिए
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि महाराज दशरथ ने पुत्र वियोग में अपने प्राण को त्याग दिया। लंका में लक्ष्मण को शक्ति लगने के समय भगवान श्री राम स्वयं दुख के सागर में डूब गए थे। परिवार वालों को समझाते हुए कहा कि शुभम का पहलगाम में शहीद होना विधि का विधान है। उन्हीं जीवों का वहां पहुंचना हुआ। जिनका प्रारब्ध पूरा हो चुका था। निमित्त कोई भी बने। लेकिन काल को दोष नहीं दिया गया। जबकि मरने वाला काल है।
हिंदुओं को पूछ पूछ कर मारा गया
प्रेमानंद आचार्य महाराज ने शुभम द्विवेदी की पत्नी से पूछा कि आप तो वहां मौजूद थी। इस पर बताया गया कि वहां पर हिंदूओं को पूछ-पूछ कर मारा गया। शुभम द्विवेदी के पिता ने ऐशान्या की तरफ इशारा करते हुए बताया कि 2 महीने पहले ही शादी हुई थी। इस दौरान ऐशान्या काफी दुखी थी। प्रेमानंद महाराज ने शुभम द्विवेदी के परिजनों को नाम जाप करने की सलाह दी।
22 अप्रैल को हुई थी घटना
पहलगाम में बीते 22 अप्रैल को आतंकियों ने हिंदुओं को पूछपूऊछ कर गोली मारा था। इस दौरान 26 लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। जिसमें कानपुर के हाथीपुर के रहने वाले शुभम द्विवेदी भी शामिल थे। जिनका सीमेंट का कारोबार था। इस मौके पर शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी पत्नी ऐशान्या, चाचा मनोज कुमार द्विवेदी सहित अन्य परिजन मौजूद थे। करीब 10 मिनट तक एकांतिक वार्ता हुई।