DGCA ने क्या कहा
डीजीसीए ने कहा कि कई भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइनों ने पहले ही अपने बेड़े का निरीक्षण शुरू कर दिया है। दरअसल, DGCA का यह आदेश विमानन दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की 12 जुलाई को जारी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर आधारित है।
21 जुलाई तक निरीक्षण पूरा करने के दिए निर्देश
डीजीसीए के आदेश में कहा कि प्रभावित विमान के सभी एयरलाइन ऑपरेटरों को सलाह दी जाती है कि वे 17 दिसंबर 2018 को जारी एसएआईबी के तहत आवश्यक निरीक्षण 21 जुलाई 2025 से पहले पूरा कर लें। आदेश में आगे कहा कि निरीक्षण योजना और निरीक्षण पूरा होने के बाद रिपोर्ट संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को सूचित करते हुए इस कार्यालय को प्रस्तुत की जाएगी।
AIIB की रिपोर्ट में क्या था
एएआईबी की रिपोर्ट में बताया गया कि उड़ान के दौरान दोनों इंजनों के ईंधन स्विच एक सेकंड के अंतराल में “रन” से “कट-ऑफ” स्थिति में चले गए, जिसके कारण विमान ने ऊंचाई खो दी और वह बीजे मेडिकल कॉलेज के एक छात्रावास में जा गिरा। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में पायलटों के बीच इस स्विच के बदलाव को लेकर भ्रम की स्थिति भी सामने आई, जहां एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने स्विच क्यों बंद किया, जिसका जवाब था कि उसने ऐसा नहीं किया।
2018 के FAA के परामर्श का दिया हवाला
बता दें कि रिपोर्ट में 2018 के संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) के एक परामर्श का हवाला दिया गया है, जिसमें कई बोइंग मॉडलों के संचालकों को ईंधन कटऑफ स्विच के लॉकिंग फ़ीचर की जांच करने की सिफ़ारिश की गई थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह गलती से हिल न जाए।