एयर इंडिया ने जारी किया बयान
निजी एयरलाइन एयर इंडिया ने मंगलवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि उसने अपने बोइंग 787 और 737 विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच (FCS) के लॉकिंग मैकेनिज्म की सावधानीपूर्वक जांच पूरी कर ली है। इस जांच में कोई खराबी नहीं पाई गई। यह कदम एविएशन सुरक्षा नियामक डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के निर्देश के बाद उठाया गया, जिसमें सभी एयरलाइंस को 21 जुलाई तक अपने बोइंग 787 और 737 विमानों के फ्यूल स्विच लॉकिंग सिस्टम की जांच करने का आदेश दिया गया था। यह निर्देश अहमदाबाद में पिछले महीने हुए एक भीषण विमान हादसे के बाद जारी किया गया था, जिसमें ईंधन स्विच की खराबी को हादसे का संभावित कारण माना जा रहा है।
AAIB ने जताई फ्यूल स्विच बंद होने की संभावना
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI-171 उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद क्रैश हो गई थी। इस हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई, जबकि दुर्घटना स्थल पर 19 लोगों ने अपनी जान गंवाई। AAIB ने अपनी रिपोर्ट में संकेत दिया कि हादसे से पहले विमान का ईंधन स्विच बंद किया गया था, जिसके कारण इंजन को ईंधन आपूर्ति रुक गई होगी। यह संभावना जताई जा रही है कि फ्यूल स्विच लॉकिंग मैकेनिज्म में तकनीकी खराबी या मानवीय चूक के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।
DGCA के निर्देशों को किया पालन
एयर इंडिया ने अपने बयान में कहा, “हमने DGCA के निर्देशों का पालन करते हुए अपने सभी बोइंग 787 और 737 विमानों की जांच पूरी कर ली है। सभी स्विच और संबंधित सिस्टम पूरी तरह कार्यात्मक पाए गए हैं।” एयरलाइन ने यह भी आश्वासन दिया कि वह यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। DGCA ने अन्य एयरलाइंस से भी अपनी जांच जल्द पूरी करने और रिपोर्ट सौंपने को कहा है ताकि विमानन सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।
टाटा समूह का योगदान
एयर इंडिया के मालिक टाटा समूह ने घोषणा की कि प्रत्येक मृतक यात्री के परिवार को 1 करोड़ रुपये (लगभग 120,000 अमेरिकी डॉलर) की स्वैच्छिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, जमीन पर मारे गए लोगों के परिवारों को भी समान मुआवजा दिया जाएगा, जैसा कि भारतीय चिकित्सा संघ के अनुरोध पर किया गया। टाटा समूह ने क्षतिग्रस्त कॉलेज भवनों के पुनर्निर्माण में भी सहायता करने की योजना बनाई है।