उत्तर प्रदेश के कानपुर में फर्जी एसटीएफ गैंग का खुलासा हुआ है। पुलिस उपायुक्त पश्चिम दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि फर्जी एसटीएफ गैंग के सदस्य पहले ऐसे स्थान का चुनाव करते थे। जहां अवैध कार्य होते हैं। जिसमें जुआ, सेक्स रैकेट या फिर अन्य गैर कानूनी गतिविधियां शामिल हैं। स्थान का चयन करने के बाद हूटर लगी दो गाड़ियों से छापा मारा जाता था और सामने वाले को अपने दबाव में लेकर अवैध वसूली होती थी।
रावतपुर और हंसपुरम में की गई घटना
पुलिस उपायुक्त पश्चिम दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि रावतपुर और हंसपुरम में अवैध वसूली कर चुके हैं। रावतपुर से 1.50 लाख रुपए की वसूली की गई है। हनुमंत विहार थाना क्षेत्र के उस्मानपुर में भी ढाई लाख रुपए की वसूली की गई है। फर्जी एसटीएफ गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार करने में रावतपुर पुलिस और सर्विलांस टीम को सफलता मिली है। कुल 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अच्छी पर्सनालिटी के लोगों को शामिल किया गया
जिनमें महिला पीआरडी जवान वर्षा चौहान, होमगार्ड राजीव दीक्षित, अरविंद शुक्ला, अनिरुद्ध सिंह और अनुज शामिल है। फर्जी एसटीएफ गैंग का सरगना ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर अजीत यादव मौके से फरार हो गया। जो कानपुर में ही तैनात है। फर्जी एसटीएफ गैंग के संबंध में बताया गया कि ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर दरोगा अजीत यादव की मुलाकात होमगार्ड और पीआरडी जवान से मुलाकात हुई। अच्छी पर्सनालिटी वाले पांच लोगों को गैंग में शामिल किया गया।
पहले रैकी फिर छापा
जिनके माध्यम से रैकी और छापा मारने की कार्रवाई की जाती थी। इस दौरान सभी असली वर्दी में रहते थे। पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर होने के बाद ही उन्हें छोड़ा जाता था। करीब सात आठ घटनाओं को अब तक अंजाम दे चुके हैं। जिनके पास से दो गाड़ी, मोबाइल फोन, 3200 रुपए नगद, 91800 रुपए अलग-अलग गेमिंग एप से सीज किए गए।