उत्तर प्रदेश के कानपुर चिड़ियाघर में गोरखपुर से लाए गए शेर पटौदी की मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई है। आईवीआरआई बरेली की रिपोर्ट में बताया गया कि शेर पटौदी में पॉजिटिव एबीयन इनफ्लुएंजा पाया गया। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस संबंध में लोगों से अपील की है कि मृत पक्षियों से दूर रहें, उन्हें न छुए। इसकी जानकारी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी या पशुपालन विभाग को दें।
नोडल अफसर नियुक्त किए गए
घाटमपुर, बिल्हौर, नरवल, सदर तहसीलों को विशेष रूप से सतर्क रहने को कहा गया है। निगरानी के लिए सभी विकासखंड और शहर में नोडल अफसर की नियुक्ति की गई है। डीएम ने निर्देशित किया है कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी मृत पक्षियों की सूचना को रोज अपडेट करेंगे। चिड़ियाघर में मांसाहारी जानवरों की खान-पान में भी परिवर्तन किया गया है अब चिकन की जगह दूसरे मीट दिए जाएंगे।
11 रैपिड रिस्पांस टीम बनाई गई
निगरानी के लिए 11 रैपिड रिस्पांस टीम बनाई गई है। जिसके नोडल अफसर डॉक्टर राजेश्वर सिंह और डॉ राधेश्याम है। टीम संक्रमण के रोकथाम और निगरानी पर कार्य करेंगे। मृत पक्षियों की सूचना मिलने पर टीम कार्रवाई करेगी। मृत पक्षियों के शवों को कब्जे में लेकर सैंपल जांच के लिए भेजने की कार्रवाई करेंगे। चिड़ियाघर के 1 किलोमीटर की परिधि में रहकर विशेष रूप से निगरानी करेंगे।
क्या कहते हैं सीएमओ?
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर हरिदत्त नेमी ने बताया कि बर्ड फ्लू को देखते हुए अलग-अलग अस्पतालों में तीन वार्ड बनाए गए हैं। जिनमें 40 बेड आरक्षित किए गए है। इनमें उर्सला और काशीराम हॉस्पिटल में 10-10 और हैलट में 20 बेड आरक्षित है। डॉक्टरों की टीम को अलर्ट किया गया है। स्वास्थ्य विभाग में इस संबंध में निर्देशित किया है।