ग्रामीणों ने बताया कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर पाल गांव के लोगों में रोष व्याप्त है। इसी के चलते पाल निवासी वीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में क्षेत्रवासी सुबह बोरानाडा थाने के बाहर एकत्रित हुए और धरना दे दिया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। थानाधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) और सहायक पुलिस आयुक्त (बोरानाडा) आनंदसिंह मौके पर पहुंचे व समझाइश की। निष्पक्ष जांच और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। तत्पश्चात दोपहर में धरना समाप्त किया गया।
दो लाख ऑनलाइन जमा कराए, फिर भी छोड़ा
पाल गांव के सुरेन्द्रसिंह ने बताया कि गत 29 जून को जमीन विवाद का निस्तारण के लिए एक व्यक्ति को एसडीएम से मिलाने के बहाने तीन युवक कार में बिठाकर ले गए थे। तीनों ने कार में उससे मारपीट की और नागौर ले गए थे। रास्ते में आरोपियों ने नग्न हालत में वीडियो बनाया और वायरल करने की धमकी देकर एक करोड़ रुपए मांगे थे। फिर 20 लाख रुपए लेना तय किया गया था। आरोपियों ने सोने की अंगूठी व एक लाख रुपए ऑनलाइन अपने खाते में जमा करवाकर वसूल किए थे। पीडि़त ने एक लाख रुपए अपने दोस्त से ऑनलाइन जमा करवाए थे। फिर उसे छोड़ दिया गया था। दूसरे दिन पीडि़त अपने परिजन के साथ थाने पहुंचा था, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। पीडि़त पक्ष ने दस लाख रुपए लेने के बहाने एक आरोपी को बुलाकर पकड़ लिया था। उसे पुलिस को सौंप दिया गया था। तीन-चार दिन तक हिरासत में रखने के बाद पुलिस ने बिना नम्बर की एफआइआर दर्ज कर नागौर भेज दी थी। आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।