इस आयोजन में शहर और आसपास के गांवों से सैकड़ों लोग शामिल हुए। लेकिन इस समारोह पर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने तंज कसते हुए निषेधाज्ञा उल्लंघन और आपराधिक तत्वों की मौजूदगी का गंभीर आरोप लगाया है।
बेनीवाल का बीजेपी पर हमला
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर विदाई समारोह की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें कई हिस्ट्रीशीटर, तस्कर और अपराधी शामिल थे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एसपी की विदाई में ठुमके लगाने वालों में अपराधी और माफिया थे। इससे यह संदेश जाता है कि पुलिस कप्तान ऐसे लोगों को संरक्षण देता है। बेनीवाल ने इसे ‘बाड़ ही खेत खाने’ वाली कहावत से जोड़ा। उन्होंने केंद्र के गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सवाल किया कि क्या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (2023) केवल आम लोगों के लिए है, और निषेधाज्ञा लागू करने वाले अधिकारी स्वयं इसका उल्लंघन क्यों कर रहे हैं?
निषेधाज्ञा उल्लंघन का लगाया आरोप
बेनीवाल ने दावा किया कि 15 जुलाई से 8 अगस्त तक जिला कलेक्टर द्वारा नागौर के सर्किट हाउस से नकाश गेट तक के क्षेत्र में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू थी। फिर भी, एसपी की विदाई में डीजे और जुलूस के साथ इसकी धज्जियां उड़ाई गईं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार ऐसे अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करेगी। बेनीवाल ने कहाकि पुलिस एक ओर डीजे पर चालान काटती है, दूसरी ओर बीजेपी नेताओं के इशारे पर एसपी खुद डीजे के साथ विदाई लेता है। यह दोहरा रवैया क्यों?
बेनीवाल के निशाने पर रहे टोगस
बताते चलें कि नारायण टोगस की कार्यशैली को लेकर जनता में उनके प्रति विशेष लगाव था, लेकिन उनके कार्यकाल में बेनीवाल और अन्य कई नेताओं ने उन पर कई बार गंभीर आरोप लगाए। बेनीवाल ने पहले भी टोगस पर अवैध खनन, बजरी माफियों को संरक्षण देने, बीजेपी नेता ज्योति मिर्धा के इशारे पर काम करने और वसूली में लिप्तता के आरोप लगाए थे। इस विदाई समारोह ने इन विवादों को फिर से हवा दे दी है।