इसे लेकर राजस्थान पत्रिका ने 19 जुलाई को सरकारी स्कूल के जर्जर भवन में पढ़ाई, बच्चों की सुरक्षा खतरे में समाचार प्रकाशित करने के बावजूद जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं की है।
उन्होंने बताया कि स्थानीय विद्यालय की छते और दीवारें इतनी कमजोर हो चुकी है कि किसी भी समय वह ढह सकती है। कक्षाओं की दीवारों पर गहरी दरारें पड़ चुकी हैं और प्लास्टर उखाड़ रहा है। बरसात होने पर तो और हालात खराब हो जाते हैं। कमरों की छतों से पानी टपकने लगता है।
ग्रामीणों ने बताया कि इस बारे में कई बार प्रशासन और शिक्षा विभाग को शिकायत की जा चुकी है लेकिन शिकायतों को ठंडे बस्ते में रख दिया जाता है। प्रधानाध्यापक अनिल जैन ने बैठक में बताया कि मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रकाश चंद सोनी के मौखिक आदेश पर आगामी आदेश तक विद्यालय में छुट्टी घोषित की गई है।
इस पर ग्रामीणों ने कहा कि जब तक विद्यालय का नवीन भवन बनकर तैयार नहीं होता है तब तक स्कूल सामुदायिक भवन में संचालित किया जाए। इसके बाद ही वह अपने बच्चों को वहां पढ़ने के लिए भेजेंगे।