आवास योजना में बंदरबांट
बाकायदा इसकी शिकायत भी हुई है लेकिन अधिकारी जांच करने के बजाए मामले को दबाने में अधिक जोर दे रहे हैं। क्योंकि अफसरों पर दबाव है आखिर हमें 60 हजार आवास बनाकर देना है। नियम के अनुसार जैसे-जैसे आवास पूरा हो राशि का भुगतान किया जाए। आवास में अब तक छत की ढलाई नहीं हुई है और हितग्राहियों को पूरे पैसे का भुगतान कर दिया गया है। यहां तक कि पहले से बने पुराने मकान को
प्रधानमंत्री मंत्री आवास योजना में शामिल कर रोजगार सहायक द्वारा पैसा निकाला जा रहा है। इसके बावजूद मकान को पूर्ण बता दिया है। योजना में जमीनी स्तर के कर्मचारियों के साथ जनपद कार्यालय में बैठें कर्मचारियों ने बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है।
केस-1 ग्राम पंचायत घुईचुंआ में रामायण बाई का मकान आवास आई डी क्रमांक सीएच 3040355 है। यह मकान अधूरा है और मौके पर पूर्ण दिखाया है। जिनकी पहली किस्त 11 सितंबर 24 को 40000 आया। दूसरी किस्त 23 दिसंबर 2024 को 60000 आया। और तीसरी किस्त 23 मई 25 को 20000 रामायण बाई के खाते में आ गया। अभी तक इसका मकान नहीं बना है लेकिन कागजों में पूर्ण हो चुका है।
केस-2 ग्राम पंचायत घुईचुंआ के लखन का आवास योजना के तहत बना मकान अधूरा है। जिनका आवास आईडी सीएच 3078148 है। इसका पहली किस्त 11 सितंबर 2024 को 40000 आया। दूसरी किस्त 14 फरवरी 25 को 55000 मिला। और तीसरी किस्त 3 मई 25 को 25000 प्राप्त हुआ। लेकिन कागजों मकान पूर्ण हो चुका है।
केस-3 ग्राम पंचायत घुईचुआ के बरत बाई जिनका आवास आईडी सीएच 2600184 है। इनकी पुराने मकान को आवास योजना में जोड़कर पैसे निकलवा लिया गया है। इनका पहली किस्त 11 सितंबर 2024 को 40000 हजार, दूसरी किस्त 9 मई 25 को 55000 और तीसरी किस्त 23 जून 25 को 25000 निकलवा लिया है। मौके पर नए मकान के बजाए पुराने मकान को दर्शाकर पूरी राशि आपस में बांट ली गई है।
60 हजार आवास मार्च में ही पूरा करने का था लक्ष्य
जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा व सक्ती जिले में तकरीबन 60 हजार आवास मार्च महीने में पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था। लक्ष्य का पीछा करते हुए विभाग ने अब तक 50 फीसदी ही आवास बनवा सके। वह भी हर आवास में आवास मित्र व रोजगार सहायक का कमीशन फिक्स है। बिना कमीशन का आवास मित्र फोटो तक नहीं खींचता। कई स्थानों में नियम कायदे ताक में रख आवास बनाए जा रहे हैं। अफसर भी केवल आंखमूंदकर लक्ष्य पूरा करने में लगे हुए हैं। जिपं सक्ती सीईओ वासू जैन ने कहा की हमें इस मामले में किसी तरह की लिखित शिकायत नहीं मिली है। यदि आवास मित्र व रोजगार सहायक मिलकर गड़बड़ी की है तो इसकी जांच कराएंगे और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।