पहला बायपास विकल्प यह सुझाया
आहोर से बागरा के आगे डूडसी फांटा तक जुड़ाव के लिए दो अलाइनमेंट विकल्प सुझाए गए हैं। प्रोजेक्ट-1 में बायपास प्रोजेक्ट का प्लान 30.639 किलोमीटर है। इस रूट में आहोर स्टेट हाईवे-64 जंक्शन से सांकरना नेशनल हाईवे-325 तक 9.265 किलोमीटर, सांकरना नेशनल हाईवे-325 से नेशनल हाईवे-325 के पास लेटा जीएसएस 4 किलोमीटर, लेटा जीएसएस से गोल नींबड़ी तक 3.700 किमी होते हुए गोल नींबड़ी से बागरा तक 17.200 किलोमीटर बायपास का विकल्प सुझाया है।दूसरा बायपास विकल्प
आहोर स्टेट हाीवे 64 जंक्शन से सांकरना नेशनल हाइवे 325 तक 9.265 किलोमीटर, सांकरना नेशनल हाईवे 325 से नेशनल हाईवे 325 लेटा जीएसएस 4 किलोमीटर, लेटा जीएसएस से होते हुए जालोर लेटा क्रॉसिंग आरओबी तक 1.934 किलोमीटर, आरओबी को क्रॉस करते हुए भीनमाल बायपास रोड होते हुए मीरादातार फोरलेन से जुड़ाव 994 मीटर यह प्रोजेक्ट कुल 15.173 किलोमीटर सुझाया है।इस तरह से होंगे कार्य
ट्रेफिक व्यवस्था सुगम हो इसके लिए गांव या कस्बे के भीतर से मार्ग नहीं होगा। बल्कि उन गांव कस्बों में भी बाइपास दिया जाएगा। वहीं संबंधित गांव कस्बे के भीतर भी सड़क को दुरुस्त किया जाएगा। रोड क्रॉस की स्थिति बनने पर अंडरपास भी बनाए जाएंगे।नया रोड भी बनेगा
पीपीपी मोड (स्व वित्त पोषित) में बनने वाले मार्ग में आहोर-रोहिट के बीच 82 किलोमीटर नया रोड बनेगा। मार्ग में आबादी क्षेत्र में जरुरत के अनुसार 5.50 मीटर के व्हीकल अंडर पास बनेंगे। वहीं जरुरत के अनुसार रोड की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी।इन्होंने कहा
पीपीपी मोड में बनने वाले इस मार्ग में 111 किलोमीटर नई सड़क बनेगी। आहोर से जालोर तक और जालोर से बागरा के बीच भी बायपास का नया विकल्प मौजूद रहेगा। प्रारंभिक सर्वे में दो विकल्प मौजूद है। दोनों में से जो विकल्प बेहतर होगा, उसे फाइनल किया जाएगा।केदार शर्मा, एसई, पीपीपी, पीडब्ल्यूडी