
बता दें कि इनमें NSUI, SFI, निर्दलीय और अन्य छात्र संगठनों के प्रमुख नेता शामिल थे। प्रदर्शन की खास बात यह रही कि विभिन्न छात्र संगठनों के नेता एक मंच पर एकत्रित हुए और छात्रसंघ चुनाव की बहाली के लिए एकजुटता दिखाई। हिरासत में लिए गए छात्रनेताओं में महेश चौधरी, कमल चौधरी, विजयपाल कुड़ी, किशोर चौधरी और लक्ष्यराज सिंह जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।

पुलिस पर लगाया ये आरोप
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने कार्रवाई के दौरान उनके साथ बर्बर व्यवहार किया और कुछ नेताओं के कपड़े तक फाड़ दिए। छात्र नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द चुनाव बहाल नहीं किए गए तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन का दौर
गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह से प्रदेश भर में छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है। लेकिन शुक्रवार का प्रदर्शन इसलिए खास रहा, क्योंकि पहली बार सभी प्रमुख छात्र संगठनों ने एक मंच से आवाज बुलंद की।

यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर 200 जवानों की तैनाती
प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर करीब 200 जवानों की तैनाती की गई। अगस्त महीना नजदीक है, जो परंपरागत रूप से छात्रसंघ चुनावों का समय माना जाता है। ऐसे में छात्र नेताओं का कहना है कि अब यह लड़ाई आर-पार की होगी और जब तक चुनाव बहाल नहीं होते, आंदोलन जारी रहेगा।
