गत वर्ष 1 नवंबर से शुरू हुए इस अभियान के अंतर्गत अब तक प्रदेश के 27 लाख से अधिक लाभार्थियों ने स्वेच्छा से खाद्य सब्सिडी छोड़ी है। इसके परिणामस्वरूप एनएफएसए की सूची में बनी रिक्तियों से 56 लाख 62 हजार 268 पात्र वंचित परिवारों को जोड़ा जा सका है। मंत्री गोदारा ने कहा कि सक्षम लोगों का यह त्याग गरीबों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा सूची में जुड़े पात्र परिवारों को न केवल पोषणयुक्त अन्न उपलब्ध कराया जा रहा है बल्कि उन्हें 25 लाख रुपए तक का निःशुल्क इलाज, 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा और मात्र 450 रुपए में प्रतिवर्ष 12 घरेलू सिलेंडर की सुविधा भी दी जा रही है।
जयपुर जिले में भी इस मुहिम ने बड़ी सफलता हासिल की है। यहां 2 लाख 21 हजार 726 लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सब्सिडी छोड़ी, जिससे 2 लाख 42 हजार 813 जरूरतमंदों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा जा सका। इस उपलब्धि में जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों की सक्रिय भूमिका रही।
गिव अप अभियान की व्यापक जनभागीदारी को देखते हुए इसकी अवधि 31 अगस्त 2025 तक बढ़ा दी गई है। राज्य सरकार ने इसे सामाजिक जिम्मेदारी का उत्कृष्ट उदाहरण बताते हुए अधिक से अधिक लोगों से इस पहल में शामिल होने की अपील की है।