दरअसल, निगम उत्तर के वार्ड 14 में पिछले 6-7 महीनों से पानी की किल्लत चल रही है। गर्मियों के दिनों में भी यहां रहने वाले लोगों ने पीएचईडी उपकार्यालय पर प्रदर्शन किया। उसके बाद भी आधे-अधूरे वार्ड की स्थिति सुधरी। अब फिर से पानी की परेशानी से महिलाओं को खासी परेशानी हो रही है। इस वार्ड में रहने वाली कुछ महिलाएं तो हर सप्ताह अपने पीहर जाती है और वहां पर घरेलू कपड़े धोती है।
पीने के पानी की व्यवस्था करना भी चुनौती
वार्ड की महिलाओं का कहना है कि ससुराल में पानी की उपलब्धता न होने के कारण छोटी-छोटी जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो जाता है। सुबह-शाम पीने के पानी की व्यवस्था करना ही बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में कपड़े धोने, बर्तन साफ करने जैसे कामों के लिए पानी मिलना नामुमकिन हो जाता है। इसके चलते हमें मायके पहुंचकर घंटों तक कपड़े धोती हैं और फिर उन्हें लेकर ससुराल लौटती हैं।
शिकायत के बाद भी कोई असर नहीं
वार्ड 14 के क्षेत्रवासियों के अनुसार कई बार जलदाय विभाग से शिकायत की गई, लेकिन अब तक स्थायी समाधान नहीं निकला। गर्मी में समस्या और विकराल रूप ले लेती है। घरों में पानी का अभाव होने से महिलाओं की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो रही है। सरकार ने हर घर नल योजना के तहत पानी उपलब्ध कराने का वादा किया था, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात अलग हैं। महिलाएं उम्मीद जता रही हैं कि जल्द ही इस समस्या का समाधान हो, ताकि उन्हें मायके जाकर कपड़े धोने की मजबूरी से छुटकारा मिले और रोजमर्रा का जीवन सामान्य हो सके।
कोई शिकायत है तो चेक करवाएंगे
नहर में पानी की आवक डिमांड के अनुरूप नहीं होने से पानी की सप्लाई नियमित नहीं हो रही है। शहर की डिमांड 14.5 एमसीएफटी है। जबकि आगे से नहर में प्रतिदिन 13 एमसीएफटी ही पानी मिल रहा है। इसके चलते पानी की सप्लाई पर असर पड़ रहा है। वार्ड 14 में गर्मियों के दिनों में भी समस्या थी। इसे वापस चेक करवाकर पानी की सप्लाई को नियमित करवाते है। - राजेंद्र मेहता, एसई, पीएचईडी, जोधपुर